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बागपत : शिक्षा के मंदिरों को झटका, जिला पंचायत ने थोपा टैक्स

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बागपत : शिक्षा के मंदिरों को झटका, जिला पंचायत ने थोपा टैक्स


बागपत : जिला पंचायत ने अपनी आमदनी बढ़ाने को अब शिक्षण संस्थाओं को निशाने पर लिया है। सरकारी तथा सहायता प्राप्त समेत 100 से ज्यादा शिक्षण संस्थाओं को नोटिस जारी कर जिला पंचायत को पांच से पंद्रह हजार रुपये तक फीस चुकाकर लाइसेंस प्राप्त नहीं करने पर मुकदमा चलाने की चेतावनी दी है। अचानक नोटिस मिलने से प्रबंधकों तथा प्रधानाचार्यों में खलबली है, क्योंकि शिक्षण संस्थाओं को कभी लाइसेंस लेने की जरुरत नहीं पड़ी।

अभी तक जिला पंचायत विभिन्न कारोबारियों को लाइसेंस जारी कर टैक्स वसूली कराती रही। स्कूल-कालेज बचे हुए थे, लेकिन अब इन्हें भी हर साल टैक्स चुकाना होगा। जिला पंचायत के लाइसेंस अधिकारी ने देहात के राजकीय, सहायता प्राप्त व वित्तविहीन मान्यता प्राप्त स्कूलों को लाइसेंस बनवाने को नोटिस जारी करने शुरू कर दिए हैं। बागपत, खेकड़ा तथा बड़ौत देहात एरिया के 100 से ज्यादा स्कूल-कालेजों को दिए गए नोटिस में चेताया गया कि यदि सात दिन में जिला पंचायत से लाइसेंस नहीं बनवाने पर अधिनियम की धारा 240 के प्राविधानुसार मुकदमा चलाया जाएगा।

स्कूल-संचालकों को सलाह दी गई कि लाइसेंस बनवाने को जब वे जिला पंचायत कार्यालय में आएं तो पिछला लाइसेंस साथ में लेकर आएं। यदि जिला पंचायत का टैक्स बकाया है तो लाइसेंस बनवाने से पहले उसका भुगतान जरूरी है। अभी तक लाइसेंस नहीं बनवाकर नियम का उल्लंघन किया है। जिला पंचायत से नोटिस मिलने पर अधिकांश स्कूल-कालेजों के प्रबंधक तथा प्रधानाचार्यों की ¨चता बढ़ गई है। राजकीय हाईस्कूल बोढा समेत कई स्कूलों के प्रधानाचार्य नोटिस को लेकर डीआइओएस के पास पहुंचे और पूछा कि क्या अब शिक्षा के मंदिरों को भी टैक्स चुकाना पड़ेगा?

टैक्स भी सौ-दो सौ नहीं बल्कि सालाना पांच से पंद्रह हजार रुपये भरना पड़ेगा। नोटिस में जो बकाया टैक्स तथा पिछला लाइसेंस साथ लाने की बात कही है उससे टेंशन ओर बढ़ गई है। अब से पहले स्कूल-कालेजों को लाइसेंस जारी नहीं हुए तो पिछला लाइसेंस कहां से साथ लेकर आएंगे? बता दें कि शहरी एरिया में स्थित शिक्षण संस्था जिला पंचायत के दायरे से बाहर हैं। लिहाजा उनके संचालकों को लाइसेंस लेने की जरुरत नहीं है।

तो करोड़ों आमदनी

बागपत में 1200 से ज्यादा सरकारी, सहायता प्राप्त तथा निजी शिक्षण संस्थायें संचालित होती हैं। यदि सभी ने लाइसेंस बनवाए तो फिर जिला पंचायत को सालाना करोड़ों रुपये की आमदनी होना तय है।

इन्होंने कहा..

देहात में कोई भी कारोबार करने को जिला पंचायत से लाइसेंस लेना जरूरी है। लिहाजा स्कूल-कालेजों को चलाने के लिए भी लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। लाइसेंस नहीं बनवाने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। लाइसेंस बनवाने की व्यवस्था पहले से ही लागू है।

-प्रदीप कुमार सक्सेना-एएमए, जिला पंचायत।

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