फर्रूखाबाद : वित्तविहीन शिक्षकों का उत्पीड़न रोकने को संघर्ष तेज होगा
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : माध्यमिक शिक्षक संघ की शैक्षिक उन्नयन गोष्ठी में जिला विद्यालय निरीक्षक ने माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को ¨चताजनक बताते हुए सुधार पर बल दिया। वहीं शिक्षक विधायक ने कहा कि अध्यापकों की कमी गुणवत्ता संबर्द्धन में मुख्य बाधा है। कई विद्यालयों में गणित, विज्ञान व अंग्रेजी शिक्षक भी नहीं हैं। सरकार यदि पूरे अध्यापक दे दे दो यूपी बोर्ड के स्कूल सीबीएसई बोर्ड के विद्यालयों को पीछे छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 18 हजार वित्तविहीन शिक्षकों का उत्पीड़न रोकने के लिए संघर्ष का बिगुल बज गया है, इसे और तेज किया जाएगा। इस अवसर पर गत चार वर्षों में सेवानिवृत्त हुए 100 से अधिक अध्यापकों को सम्मान से नवाजा गया।
रस्तोगी इंटर कालेज में आयोजित शर्मा गुट की संगोष्ठी में डीआइओएस कमलेश बाबू ने कहा कि शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचकर तल्लीनता से पढ़ाएं। वह लापरवाही करेंगे तो गुणवत्ता नहीं सुधरेगी। इस पर शिक्षक विधायक जगवीर किशोर जैन ने कहा कि विद्यालयों में 40 फीसद शिक्षकों के पद खाली हैं। इतने कम शिक्षक के बावजूद हम बेहतर रिजल्ट दे रहे। उन्होंने कहा कि 2005 का केंद्रीय वेतनमान दिलाने का संघर्ष सफल हुआ। इसी तरह माध्यमिक शिक्षक संघ पुरानी पेंशन व वित्तविहीन शिक्षकों को समान वेतनमान दिलाकर ही रहेगा। विशिष्ट अतिथि राज्यपाल पुरस्कृत प्रधानाचार्य श्यामपाल ¨सह ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी माध्यमिक शिक्षक अपनी ओर से बेहतर कर रहे हैं।
दूसरे संगठनों पर निशाना तो कई शामिल हुए
जिला अध्यक्ष लालाराम दुबे व मंत्री नरेंद्र ¨सह सोलंकी ने दूसरे संगठनों की ओर इशारा करते हुए डीआईओएस से कहा कि वह किसी संगठन से डर कर कार्य न करें। शिक्षणेत्तर संघ के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र ¨सह गौर ने अपने गुट का विलय करने की घोषणा की। सीनियर बेसिक शिक्षक संघ अध्यक्ष सर्वेश त्रिवेदी भी शामिल हुए। प्रांतीय सदस्य अनिल ¨सह, महेश चंद्र वर्मा, डा. ओमपाल रघुवंशी, संतोष त्रिपाठी, नवलकांत अग्निहोत्री, जगदीश दुबे, दिनेश कटियार, खालिद रऊफ, अक्षय मिश्रा, संतोष दुबे व संजीव चौहान आदि मौजूद रहे।