इलाहाबाद : परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के भोजन पर संकट, कई माह से रकम मध्याह्न भोजन निधि के खाते में नहीं जाने से खड़ी हुई समस्या
✔ कई माह से रकम मध्याह्न भोजन निधि के खाते में नहीं जाने से खड़ी हुई समस्या
✔ अभी तक प्रधान, विद्यालय के प्रधानाध्यापक अपने स्तर से करा रहे व्यवस्था, अब उन्होंने भी खडे़ किए हाथ
अमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद। प्रदेश के कई जिलों के परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) पर संकट खड़ा हो गया है। शासन से मिलने वाली रकम कई माह से मध्याह्न भोजन निधि के खाते में न पहुंचने के कारण अभी तक प्रधान और प्रधानाध्यापक किसी अपने स्तर से भोजन की व्यवस्था करा रहे थे, लेकिन अब वह आगे ऐसा करने की स्थिति में नहीं हैं। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक अब्दुल समद ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी जिला बेसिक अधिकारियों (बीएसए) को इसके लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
इलाहाबाद, कौशाम्बी, अलीगढ़ समेत कई जिलों में एमडीएम को लेकर समस्या खड़ी हो गई है। सूत्रों के मुताबिक इलाहाबाद और कौशाम्बी में इसके लिए अप्रैल से रकम का आवंटन नहीं हुआ है जबकि अलीगढ़ में जुलाई से रकम नहीं पहुंची। अन्य कई जिलों में भी यही स्थिति है। एमडीएम की रकम प्रधान एवं विद्यालय के प्रधानाध्यापक के संयुक्त बैंक खाते में आती है। रकम न मिलने के कारण अभी तक प्रधान और प्रधानाध्यापक किसी तरह भोजन का प्रबंधन करा रहे थे लेकिन अब वह भी हाथ खड़े कर दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने लंबे समय से फल एवं दूध के लिए भी रकम नहीं जारी की है।
लगातार मिल रही इस तरह की शिकायतों के बाद मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक अब्दुल समद ने इसकी समीक्षा की तो कई जिलों में भोजन वितरण नहीं किए जाने की जानकारी मिली। पता चला कि कई विद्यालयों में परिवर्तन लागत को विद्यालयों के मध्याह्न भोजन निधि खाते में न भेजे जाने के कारण, रसोइया एवं खाद्यान्न उपलब्ध न होने तथा विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नियुक्त न होने अथवा सहायक अध्यापक को प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी न दिए जाने के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई। इसके बाद निदेशक ने नौ अक्तूबर को सभी बीएसए को निर्देश दिया कि अपने स्तर से समीक्षा कर रकम मध्याह्न भोजन निधि के खाते में समय से भेजी जाए। विद्यालय खाद्यान समय से उठाए, यह सुनिश्चित किया जाए और रसोइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि विद्यालय में यदि प्रधानाध्यापक उपलब्ध नहीं है तो तत्काल नियुक्ति की जाए।