बदायूं : दिन व दिन प्रदूषित होते पर्यावरण की वजह से आपदाओं का खतरा मंडराता रहता है, बा विद्यालय में बनेगी आपदा प्रबंधन समिति
जागरण संवाददाता, बदायूं : दिन व दिन प्रदूषित होते पर्यावरण की वजह से आपदाओं का खतरा मंडराता रहता है। जरूरी है कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ न किया जाए। आपदा आने पर बचाव की जानकारी हो तो जोखिम कम हो जाता है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की छात्राओं को प्रशिक्षण देकर इस संबंध में जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए सर्व शिक्षा अभियान की राज्य परियोजना की ओर से विद्यालय सुरक्षा एवं आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम संचालित किया गया है। जिसके अंतर्गत आपदा प्रबंधन समिति व टास्क फोर्स का गठन भी किया जाएगा। 10 अक्टूबर तक गठन करने के बाद सूचना सर्व शिक्षा अभियान की राज्य परियोजना को दी जाएगी। विद्यालयों की वार्डनों को सीमेट (राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान) की ओर से प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद यादव ने बताया कि परियोजना से निर्देश प्राप्त हो गए हैं। समय पर कार्यवाही पूरी करके अवगत कराया जाएगा।
यह होगी गठन प्रक्रिया -
विद्यालय की शिक्षिका को समिति का अध्यक्ष बनाया जाएगा। मीना मंच की प्रेरक या अध्यक्ष को उपाध्यक्ष, विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष व अभिभावक अध्यक्ष संघ के अध्यक्ष को समिति का सदस्य बनाया जाएगा। एसएमसी के सदस्य न होने वाले अभिभावक व हर कक्षा से दो-दो छात्राओं को समिति में सम्मलित किया जाएगा। समिति में 18 से 20 सदस्य होंगे।
समिति के उत्तरदायित्व -
आपदाओं के दौरान बचाव के लिए विद्यालय सुरक्षा योजना तैयार करेंगे। बाढ़, भूकंप, आकाशीय बिजली, आग, लू, शीतलहर, गैस रिसाव के दौरान निकासी की व्यवस्था देखेंगे। जरूरी संसाधन पहले से ही उपलब्ध रखेंगे। हर तीन महीने पर मॉक ड्रिल कराया जाएगा।
यह बनेंगी टास्क फोर्स
विद्यालयों में जनजागरूकता एवं सूचना, प्राथमिक उपचार, राहत व बचाव, अग्नि सुरक्षा, जल स्वच्छता, बाल सुरक्षा आदि टास्क फोर्स का गठन भी किया जाएगा। हर टास्क फोर्स में पांच सदस्य होंगे। पूर्ण व अंशकालिक शिक्षिका, एसएमसी, मीना मंच के अलावा सक्रिय छात्राओं को शामिल किया जाएगा। फोर्स में एक रसोइया को भी चयनित करना होगा।