लखनऊ : आचार संहिता लागू, तबादले व नियुक्तियों पर रोक
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । यूपी में निकाय चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसके साथ ही तत्काल प्रभाव से तबादले व नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार नई घोषणाएं भी नहीं कर पाएगी। आदर्श आचार संहिता चुनाव समाप्त होने तक लागू रहेगी। इसका प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों पर नहीं होगा और न ही वहां कोई विकास कार्य प्रभावित होगा।
आचार संहिता की प्रमुख बातें
- नगरी निकाय क्षेत्रों में विकास कार्यों का न कोई शिलान्यास होगा और न उद्घाटन।
- विकास से संबंधी योजना व कार्यक्रम की घोषणाएं भी नहीं होंगी। विकास कार्यों के लिए पैसा जारी नहीं होगा।
- राजनीतिक दल ऐसा कोई काम लिखकर, बोलकर या माध्यम से नहीं करेंगे जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय, जाति या सामाजिक वर्ग व राजनीतिक दल, उम्मीदवार, राजनीतिक कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हो या उससे विभिन्न वर्गों, दलों, व्यक्तियों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो।
- किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार की आलोचना उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पूर्व के इतिहास व कार्य के सम्बन्ध में ही की जा सकती है। किसी उम्मीदवार के व्यक्तिगत जीवन से संबंधित पहलुओं पर आलोचना नहीं की जाएगी।
- वोट हासिल करनेके लिए जातीय, साम्प्रदायिक और धार्मिक भावना का परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सहारा नहीं लिया जाएगा।
-किसी अन्य राजनीतिक दल, उम्मीदवार या उसके समर्थक का पुतला लेकर चलने, उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर जलाने अथवा इस प्रकार के अन्य कृत्य व प्रदर्शन नहीं करेंगे, न ही इसका समर्थन करेंगे।
-चुनाव प्रचार में निर्धारित व्यय सीमा से अधिक व्यय नहीं करेंगे।
- किसी भी उम्मीदवार या उम्मीदवारों के राजनीतिक विचारों या कृत्यों से असहमति व मतभिन्नता होते हुए भी प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण एवं विघ्नन रहित पारिवारिक जीवन के अधिकार का आदर किया जाएगा।
- किसी व्यक्ति के विचार, मत, कृत्य का विरोध उसके निवास के सामने कोई भी प्रदर्शन या धरने की अनुमति नहीं होगी।
- चुनाव प्रचार के लिए किसी की जमीन, भवन, अहाते, दीवार का उपयोग झंडा लगाने, झंडिया टांगने, बैनर लगाने जैसे कार्य उस व्यक्ति की अनुमति के बिना नहीं करेंगे और न ही अपने चुनाव कार्यकर्ताआ व एजेंट को ऐसा करने देंगे।
- आदर्श आचार संहिता के प्रावधान भारतीय दंड संहिता, 1860 तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों में हैं। इनका उल्लंघन उक्त अधिनियमों के तहत दंडनीय है।