वाराणसी : साक्षर भारत परियोजना बंद, प्रेरकों में मची खलबली
हिन्दुस्तान टीम, वाराणसी । साक्षरता के लिए चलायी जा रही साक्षर भारत योजना एक अक्तूबर के बाद से नहीं संचालित होगी। सभी जिलों इस आशय का निर्देश साक्षरता व वैकल्पिक शिक्षा के निदेशक अवध नरेश शर्मा ने भेज दिया है। शर्मा के अनुसार तीस सितंबर के बाद योजना का संचालन नहीं होगा।
इसलिए किसी भी संविदाकर्मी, जैसे जिला समन्वयक, ब्लॉक समन्वयक और प्रेरकों की संविदा का नवीनीकरण या संविदा नहीं बढ़ेगी। किसी मद में कोई व्यय न करने का निर्देश है। इस संबंध में केंद्र सरकार के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
निदेशक का निर्देश जारी होते ही प्रेरकों में खलबली मची है। जिले में करीब 1100 प्रेरक विभिन्न ब्लॉक में काम कर रहे हैं। इसके अलावा साक्षरता विभाग के 12 कर्मचारी कार्यरत है। प्रेरकों को प्रतिमाह 2000 रुपये का मानदेय मिलता है। हालांकि, उनका भुगतान काफी दिनों से रूका हुआ है। वाराणसी में 1998 से साक्षरता अभियान शुरू हुआ। परियोजना का नाम कई बार बदला गया। जानकारों का कहना है कि साक्षरता परियोजना फिर से शुरू होगी।