बस्ती : तीन साल से नहीं जला विद्यालय का चूल्हा
बस्ती: बहादुरपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय जुआजाता में मिड-डे-मील का चूल्हा तीन साल से नहीं जला है। विद्यालय में 56 बच्चे वर्तमान सत्र में पढ़ाई कर रहे हैं। यहां दो शिक्षक तैनात हैं। शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने रवी प्रकाश ¨सह को मिड डे मील इंचार्ज बनाया गया था। मध्याह्न भोजन का खाता रवी प्रकाश ¨सह के नाम स्थानांतरित न होने से बच्चों का भोजन बनना बंद हो गया। यहां तक कि दूध, फल, ड्रेस, किताबें भी नहीं मिलीं। यहां के बच्चे पढ़ाई तो कर रहे हैं पर सरकार की अन्य सुविधाओं से वंचित हैं। स्कूल में दोपहर का भोजन न बनने की जानकारी विभाग को भी है। खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा समय समय पर विद्यालय का निरीक्षण भी किया जाता है। हर बार मिड-डे-मील का प्रकरण उठता है पर कोई समाधान नहीं निकलता है।
जानकारों का कहना है कि इस विद्यालय की छात्र संख्या वर्तमान सत्र में 56 है। वर्ष 2014 से प्रति वर्ष 50 से 55 बच्चे स्कूल से भूखे लौट रहे हैं। इतना ही नहीं इस स्कूल के बच्चे बैग व ड्रेस से भी वंचित हैं। दोपहर का भोजन न मिलने से बच्चे इंटरवल में घर चले जाते हैं। दूर के गांवों के बच्चे घर खाने जाते हैं तो लौटने में देर हो जाती है। यही वजह है कि यहां की छात्र संख्या घटती जा रही है। विद्यालय के एक ही कमरे में सभी बच्चे बैठ कर पढ़ाई करते हैं। अन्य कमरों में कबाड़ भरा है या फिर पशु बैठे रहते हैं। यहां का शौचालय भी बदहाल है। देख कर ही लगता है कि वर्षों से विद्यालय भवन की रंगाई-पुताई नहीं हुई है।
यहां की सहायक अध्यापिका सुनीता शुक्ल ने बताया कि मध्याह्न भोजन न बनने की उन्हें जानकारी नहीं है। रसोइया हरिश्चंद्र एक वर्ष तक विद्यालय आए लेकिन भोजन न बनने के कारण वह भी आना बंद कर दिए। खंड शिक्षा अधिकारी राम बहादुर वर्मा ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। सोचने वाली बात यह है कि खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा 8 सितंबर को ही विद्यालय का निरीक्षण किया गया। विद्यालय की हकीकत से रुबरू होने के बाद भी हालत सुधारने के प्रति ध्यान न देना तथा मामला संज्ञान में न होने की बात कहना आसानी से गले नहीं उतरता। एमडीएम के जिला समन्वयक अमित मिश्र ने बताया कि इस संबंध में ग्राम प्रधान को दो बार नोटिस भेजी गयी अभी तक उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। विद्यालय का 109 किलो चावल व 56 कलो गेहूं तथा 3590 रुपये कन्वर्जन कास्ट खाते में अवशेष है। ग्राम प्रधान पंकज ¨सह ने बताया कि हमें कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुई है। मैं स्वयं कई बार इसकी शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी से कर चुका हूं। प्रधानाध्यापक रामअजोर का कहना है कि वह कई बार बच्चों का भोजन बनवाने का प्रयास किए लेकिन विभाग ने कोई ध्यान दिया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र ¨सह ने कहा कि यह घोर लापरवाही से जुड़ा मामला है। इसकी जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।