आगरा : फर्जी बीएड मामले में गिरफ्तार चारों विवि कर्मी निलंबित
हिन्दुस्तान टीम, आगरा । डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में हुए फर्जी बीएड 2004-05 डिग्री मामले में लखनऊ में गिरफ्तार हुए चारों कर्मचारियों को विवि प्रशासन ने शनिवार को निलंबित कर दिया। कुलसचिव की रिपोर्ट पर कुलपति डॉ. अरविन्द दीक्षित ने यह कार्रवाई की।
एनसीटीई ने डा. भीमराव अम्बेडकर विवि को 2004-05 में बीएड के लिए 82 महाविद्यालयों के 8150 छात्रों के प्रवेश की अनुमति दी गई थी। लेकिन टेबुलेशन चार्ट में 84 महाविद्यालयों के 12472 छात्रों के परिणाम अंकित हैं जबकि वहां के कागजों में 8030 छात्रों के प्रवेश ही अंकित थे। एसआईटी ने जो साक्ष्य इकट्ठे किए उसके मुताबिक विवि ने 3517 छात्रों का अधिक परीक्षा परिणाम अंकित कर दिया और 1053 छात्रों को फर्जी अंकतालिकाएं बांटी। इस तरह कुल 4570 छात्रों का समायोजन विवि के टैबुलेशन चार्ट में किया गया, जो इस समय सेवायोजित हैं। इन शिक्षिकों खिलाफ कार्रवाई तय है। एसआईटी की रिपोर्ट पर शुक्रवार को लखनऊ में विश्वविद्यालय के चारों आरोपी कर्मचारी स्वामी सरन, सतेन्द्र पाल सिंह, लक्ष्मण यादव और डॉ. साकेत शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया था। 48 घंटे तक सभी के जेल में रहने को आधार मानते हुए कुलसचिव की रिपोर्ट पर कुलपति ने सभी को निलंबित कर दिया है। कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित का कहना है कि इस मामले में एसआईटी की जांच में हर संभव मदद की जाएगी।
फर्जी शिक्षकों पर बीएसए शुरू करेंगे कार्रवाई
डॉ. बीआर अंबेडकर विवि की मार्कशीट्स पर आगरा सहित अन्य जनपदों पर नौकरी पाने वाले फर्जी शिक्षकों पर बीएसए स्तर से कार्रवाई शुरू की जाएगी। शासन ने सभी बीएसए को इन शिक्षकों की रिपोर्ट दे दी है। माना जा रहा है कि आगरा में ऐसे शिक्षकों की संख्या 200 से अधिक हो सकती है।