सिद्धार्थनगर : अलग ही छाप छोड़ रहे बच्चे, अनूठी पहल शुरू की गई है, उसमें बच्चों को अपने घरों एवं स्कूल में खाने की बर्बादी रोकने के लिए स्लोगन, नारे लिखाए गए, वहीं बर्तन की मापन विधि भी सिखाई गई
सिद्धार्थनगर : विकास खंड अन्तर्गत ग्राम पंचायत जखौली स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय अपने अलग छाप छोड़ने में सफल हो रहा है। बच्चों को बैं¨कग जानकारी दिलाने के लिए इन्हें बैंक तक ले आया जाता है। पढ़ाई के अलावा राष्ट्र निर्माण में ये किस तरह तरह अपनी महती भूमिका निभा सकते हैं। इसका भी तरीका सिखाया जाता है। पिछले दिनों खराब बोतलों के उचित प्रयोग के लिए की गई जागरूक के बाद आज विद्यालय द्वारा एक और अनूठी पहल शुरू की गई। जिसमें गांव के घरों में बर्बाद होने वाले भोजन को कैसे सुरक्षित बचाया जाए, इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। विज्ञान शिक्षक अभिषेक कुमार के नेतृत्व में चलाए जा रहे प्रोग्रामों के चलते आए दिन स्कूल सुर्खियों में बना रहता है।
इस बार जो अनूठी पहल शुरू की गई है, उसमें बच्चों को अपने घरों एवं स्कूल में खाने की बर्बादी रोकने के लिए स्लोगन, नारे लिखाए गए, वहीं बर्तन की मापन विधि भी सिखाई गई। स्कूली बच्चों द्वारा गांव स्थित घरों में जाकर इस दिशा में उनके परिवार जनों को भी जागरूक किया गया। इस बाबत विज्ञान अध्यापक अभिषेक कुमार ने बताया कि साइंस प्रोजेक्ट के तहत जखौली गांव के 224 घरों में 60 घरों का सर्वेक्षण कर वहां खाना व जूठन की हकीकत देखी गई। विभिन्न ¨बदुओं पर सच्चाई देखते हुए परिणाम सामने आया कि प्रतिदिन 224 रोटियां आदि, 22.40 किलो चावल, सब्जी आदि, दो लीटर दाल, दूध आदि उचित रख-रखाव न होने के कारण खराब हो जाता है। इसके लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। विद्यालय अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है, मगर ये एक महा अभियान बने इसके लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है, जिसमें पोस्टर, रैली आदि जागरूकता कार्यक्रम के सुझाव दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि साइंस प्राजेक्टर के जरिए ऐसे प्रोग्राम को सफल बनाया जा सकता है। सोमवार को चलाए गए जागरूकता कार्यक्रम में विद्यालय स्टाफ के अलावा बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने सहभागिता की।
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