प्राइमरी शिक्षा की बदहाली बयां कर रही यह बानगी
बाराबंकी : प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा की बदहाली देखना है, तो राजधानी लखनऊ के सबसे समीपवर्ती परिषदीय विद्यालयों में आइए। हालात यह हैं कि यहां न तो कोई पढ़ाने वाला ही नहीं है। नौनिहाल स्कूल आते हैं और दोपहर तक गुरू जी के आने की राह देख अपने घर चले जाते। यही वजह है कि पठन-पाठन केवल रजिस्टर में दर्ज हो रहा। बच्चों की किताबे और कापियां तो खुलती ही नहीं हैं। सोमवार को जागरण टीम ने विद्यालयों का हाल देखा तो विधायक के गोद लिए स्कूल में भी बच्चे मास्टर जी की राह ताकते मिले। त्योहारों की छुट्टियों के बाद जिले भर के अधिसंख्य स्कूलों में कहीं शिक्षक गोल रहे तो कहीं बच्चे नदारद।
त्रिवेदीगंज : त्रिवेदीगंज के शाहमनोधरपुर में प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय को विधायक बैजनाथ रावत ने गोद ले रखा है। इन विद्यालय के कमरों की छतें जर्जर होकर गिरने की कगार पर हैं। टूटी फर्श, चटकीं छतें, टूटी बाउंड्रीवॉल खुद अपनी बदहाली की कहानी बयां कर रही थीं। पढ़ाई भी रामभरोसे है। यहां बच्चों को कोई पढ़ा नहीं रहा था। बच्चों को पूरी किताबें भी नहीं दी गई थी। विधायक बैजनाथ रावत ने बताया कि मैंने अगस्त में ही इस विद्यालय को गोद ले लिया था। बुनियादी सुविधाओं की कमी को पूरा करने की दिशा में काम चल रहा है।
रामसनेहीघाट : तहसील व ब्लाक मुख्यालय से जुड़े प्राथमिक विद्यालय में बच्चे तो 63 में से 43 आए, लेकिन उन्हें शिक्षा देने वाला कोई नहीं था। शिक्षकों के अभाव में पूरे दिन बच्चे खेलते नजर आए। शिक्षा मित्र मीना देवी ने बताया कि वह सुबह से ही अकेली हैं और प्रधानाचार्य सहायक के साथ बच्चों को लेकर न्याय पंचायत स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में शामिल होने दल¨सहपुर गए हैं।
¨नदूरा : सोमवार को प्राथमिक विद्यालय कुर्सी में प्रधानाचार्य शकील अहमद आए नहीं। स्कूल में मौजूद अध्यापिकाएं आपस में बात करतीं और मोबाइल में व्यस्त मिलीं। बच्चे कमरों में खेलते व एक दूसरे से लड़ते-झगड़ते दिखे। शिक्षिकाएं स्कूल में पंजीकृत व उपस्थित बच्चों की संख्या तक नहीं बता सकी। वहीं ब्लैक बोर्ड में दर्ज 17/10/17 की तारीख बता रही थी कि, अध्यापकों की अभी दीपावली की छुट्टी खत्म नहीं हुई है। प्राथमिक विद्यालय में दर्ज 161 में 91 बच्चे उपस्थित रहे। यहां पर बच्चे स्कूल में खेलते दिखे।
इनसेट : यहां खुद पढ़ रहे बच्चे
दरियाबाद : पूर्व माध्यमिक विद्यालय मुरारपुर में प्रधानाचार्य सुरेश चंद्र वर्मा व अनुदेशक कार्यालय में बैठे थे। कक्षा 6 व सात के दो बच्चे किताब लेकर खुद पढ़ रहे थे। अधिकांश बच्चे स्कूल के बाहर घूम रहे थे। यहां पर पंजीकृत 139 में से केवल 40 छात्र-छात्राएं ही रजिस्टर में उपस्थित थी। प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर में प्रधानाचार्या पूजा व दो शिक्षा मित्र वर्षा रानी, रूप रानी की तैनाती है। कक्षा एक, दो व तीन को मिलाकर 6 छात्र ही उपस्थित थे। पांच व चार में दो छात्र थे। वहीं प्रधानाचार्या पूजा स्कूल नहीं आईं।
“ यह सूचना मिली थी कि अवकाश के बाद बच्चे कम आए हैं। शिक्षकों की गैरमौजूदगी के बारे में जानकारी नहीं मिली है। फिर औचक निरीक्षण का प्लान तैयार हो रहा है। अचानक छापा मारकर उन शिक्षकों को पकड़ा जाएगा, जो स्कूल नहीं आ रहे हैं। ''पीएन ¨सह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बाराबंकी।