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गोरखपुर : गुरू जी नहीं हो रहा जूता-मोजा, बदल कर दूसरा लाइए

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गोरखपुर : गुरू जी नहीं हो रहा जूता-मोजा, बदल कर दूसरा लाइए

जितेंद्र पाण्डेय, गोरखपुर । शासन की तरफ से दीपावली के अवसर पर परिषदीय स्कूलों में भेजे गये जूते और मोजे पाकर छात्रों की खुशी देखते बन रही है। मगर बेसाइज के जूतों ने अधिकारियों व शिक्षकों की परेशानी भी बढ़ा दी है। शिक्षक खुद बच्चों के पैरों में जूते पहना रहे हैं। नाप सही नहीं होने पर बच्चे गुरू जी से दूसरे जूते की डिमांड कर रहे हैं। इससे उन्हें बीआरसी केन्द्रों का दिन में दो से तीन बार चक्कर लगाना पड़ रहा है।

दिक्कत
शासन की तरफ से परिषदीय स्कूलों के बच्चों के लिए भेजे गये है निशुल्क जूता और मोजा 
बेसाइज के जूतों से परेशान हो रहे शिक्षक, बदलने के लिए बीआरसी केन्द्रों की लगा रहे दौड़

शासन की तरफ से परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अभी तक नाश्ता, दोपहर का भोजन, किताब, बैग और ड्रेस ही मिल रहा था। मगर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद इन बच्चों को निशुल्क जूता, मोजा और ठण्ड स्वेटर देने की भी योजना बनाई गई। इसी क्रम में ठीक दीवाली के पहले शासन की तरफ से बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले 20 वीआरसी केन्द्रों पर करीब 4 लाख बच्चों के लिए जूता और मोजा पहुंच चुका है। जहां से इन केन्द्रों के अन्तर्गत आने वाले स्कूलों के शिक्षकों द्वारा अपने-अपने स्कूलों के छात्र संख्या के आधार पर जूता और मोजा ले जाया जा रहा है।

मगर शासन द्वारा भेजे गये बेसाइज के जूतों ने शिक्षकों को परेशानी में डाल दिया है। शिक्षकों द्वारा जूता-मोजा स्कूल पर ले जाने और बच्चों को दिये जाने के बाद कुछ बच्चों के पैरों में ये जूते सही आ रहे है लेकिन कुछ के पैरो से बड़े हो रहे है या फिर छोटे हो रहे है। जिन बच्चों को नाप का जूता नहीं मिल रहा है। वह शिक्षकों से दूसरा लाने की डिमांड कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों को दिन में दो से तीन बार बीआरसी केन्द्रों का दौरा करना पड़ रहा है। इसके बाद भी नाप के जूते नहीं मिल रहे हैं। 

वीआरसी सेन्टरों पर हो रहा विवाद 
जूता और मोजा बदलने के लिए बीआरसी केन्द्रों पर आने-जाने से शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बीआरसी केन्द्रों पर सह समन्यवकों और कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण जूता बदलने की प्रक्रिया में देरी भी हो रही है। इससे नाराज शिक्षकों, संकूल प्रभारियों और बीआरसी केन्द्र पर उपस्थित कर्मचारियों के बीच आए दिन विवाद हो रहा है। कुछ जगहों पर हाथापाई भी हो रही है। अभी तक खोराबार, बेलघाट और चरगांवा सहित अन्य केन्द्रों से विवाद की सूचना आ चुकी है। 

बच्चों के उम्र के हिसाब से भेजी गई जूतो की साइज
शासन की तरफ से तीन कैटेगरी में जूतों की साइज भेजी गई है। इसमें कक्षा एक से तीन तक के बच्चों के लिए 6 से 9 वर्ष तक का उर्म निर्धारित किया गया है। इनके लिए 1, 9, 10, 11, 12, 13 नम्बर के जूते भेजे गये हैं। कक्षा 4 से 6 तक के बच्चों के लिए 9 से 12 वर्ष तक की उम्र निर्धारित की गई है। इनके लिए 1, 2, 3, 4, 5 और 13 नम्बर के जूते भेजे गये हैं। कक्षा 7, 8 के बच्चों के लिए शासन ने 12 से 14 वर्ष का उम्र निर्धारित किया गया है। इनके लिए 5, 6 और 7 नंबर के जूते भेजे गये है। 

नाप लेकर भेजना चाहिए जूता-मोजा - शिक्षक संघ
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष भक्तराज राम त्रिपाठी, जिलामंत्री श्रीधर मिश्र, जिला उपाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र ओझा सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि जिस तर से सरकार बच्चों के ड्रेस वितरण में नाप लेकर सिलवाने का निर्देश दी थी। इसी प्रकार से सरकार को भी बच्चों के पैरो के नाप लेकर जूता-मोजा भेजना चाहिए था। वर्तमान समय से स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था ठप है। जूता-मोजा बदलने के लिए शिक्षकों को बार-बार बीआरसी केन्द्र आना-जाना पड़ रहा है।

‘ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों से नाप के जूते नहीं होने की सबसे अधिक शिकायते आ रही हैं। इसके लिए शिक्षकों को निर्देशित कर दिया गया है कि वे अपने स्कूलों के बच्चों का नाप लेकर बीआरसी सेंटर पर जाकर जूते और मोजे बदल कर दूसरा ला सकते हैं।’
रामसागर पति त्रिपाठी, बेसिक शिक्षाधिकारी

3244 स्कूलों के बच्चों को मिलेगा निशुल्क जूता
बेसिक शिक्षा से अनुदानित विद्यालय की संख्या - 84 
परिषदीय प्राइमरी विद्यालय की संख्या - 2151 
परिषदीय जूनियर विद्यालय की संख्या - 834 
राजकीय बेसिक विद्यालय की संख्या - 04 
माध्यमिक स्कूल से संबद्ध प्राइमरी विद्यालय की संख्या - 22
माध्यमिक स्कूल से संबद्ध जूनियर विद्यालय की संख्या - 117 
राजकीय विद्यालय की संख्या -  05 
मदरसा विद्यालयों की संख्या  - 08 
जिले में प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों की संख्या - 3244 

इतने बच्चों को मिल रहा लाभ
प्राइमरी स्कूल में छात्रों की संख्या - 2,66,542 
जूनियर स्कूल में छात्रों की संख्या - 1,23,053 

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