इलाहाबाद : रिटायर शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति का आदेश बहाल
✔ जुलाई-2016 में निरस्त की गई थी पुनर्नियुक्ति, अब मिलेगा 15 माह का एरियर
✔ सभी एचओडी को पत्र जारी कर रिटायर शिक्षकों की सेवाएं लिए जाने का निर्देश
ब्यूरो/अमर उजाला, इलाहाबाद । इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) प्रशासन ने रिटायर शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति का आदेश बहाल कर दिया है। मामले में वीसी के खिलाफ अवमानना की याचिका दाखिल होने और वीसी को हाईकोर्ट में तलब किए जाने के बाद इविवि प्रशासन ने रिटायर शिक्षकों को राहत प्रदान की है। साथ ही शिक्षकों को 15 माह के बकाया वेतन का एरियर दिए जाने का भी निर्णय लिया गया है और विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि वे पुनर्नियुक्त शिक्षकों की सेवाएं लेना शुरू कर दें। हालांकि, एक शिक्षक की पुनर्नियुक्ति नहीं हो पाई है, क्योंकि उन्होंने इसके लिए निर्धारित आयु सीमा पूरी कर ली है।
इविवि में रिटायर शिक्षक प्रो. आरके शास्त्री एवं प्रो. मंजुला जायसवाल को संस्कृत विभाग, प्रो. यूएस राय को अर्थशास्त्र, प्रो. मधुसूदन प्रसाद को अंग्रेजी, प्रो. राम निहोर शर्मा को हिंदी, प्रो. हरिहर सिंह को विधि, प्रो. विजय कृष्ण को केमेस्ट्री, प्रो. जीएस पांडेय को सांख्यकी और प्रो. डीपी चौधरी को गणित विभाग में तीन साल के लिए पुनर्नियुक्ति मिली थी। इविवि के कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू ने कार्यभार संभालने के बाद जुलाई-2016 में इनकी पुनर्नियुक्ति का आदेश निरस्त कर दिया था। सभी शिक्षकों ने कुलपति के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चायिका दाखिल की और हाईकोर्ट ने 16 नवंबर 2016 को शिक्षकों के पक्ष में फैसला किया। इसके बावजूद इविवि प्रशासन ने रिटायर शिक्षकों को पुनर्नियुक्ति पर ज्वाइन नहीं कराया।
मामले में शिक्षकों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कर दी और हाईकोर्ट ने अवमानना में इविवि के कुलपति को 24 अक्तूबर को तलब कर लिया। हाईकोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए इविवि प्रशासन ने पूर्व में जारी पुनर्नियुक्ति के आदेश को बहाल कर दिया। नियमत: पुनर्नियुक्ति तीन साल के लिए या 70 वर्ष की आयु, जो पहले पूरी हो रही है, उतने समय के लिए होती है। प्रो. जीएस पांडेय 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, सो उन्हें केवल एरियर मिलेगा। बाकी आठ रिटायर शिक्षकों को विभागों में पढ़ाने का मौका मिलेगा। रजिस्ट्रार की ओर से वित्त अधिकारी को पत्र लिख दिया गया है कि शिक्षकों को जुलाई-2016 से सितंबर-2017 तक का एरियर दे दिया जाए। विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि पुनर्नियुक्त शिक्षकों की सेवाएं पूर्व की भांति ली जाएं। इसके साथ ही सभी याचिकर्ताओं को भी पत्र भेजकर इस आदेश से अवगत करा दिया गया है।