सहारनपुर : अब शिक्षकों के लिए भी आधार हुआ अनिवार्य
हिन्दुस्तान टीम, सहारनपुर । राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्त विहीन विद्यालयों में शिक्षकों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए शासन ने सभी शिक्षकों का आधार नंबर मांगा है। आधार के साथ तैनाती वाले विद्यालय, प्रधानाचार्य का नाम और शिक्षक का मोबाइल नंबर शासन को भेजना है।
शासन की मंशा प्रत्येक जिले में विद्यालयवार शिक्षकों वास्तविक संख्या से अवगत होना है। 30 अक्तूबर तक यह डाटा उपलब्ध कराना है। बैंक, फोन नंबर, सरकारी योजनाओं का लाभ आदि में आधार की अनिवार्यता है। अब शासन ने शिक्षकों के लिए भी आधार अनिवार्य कर दिया है।
जिले में 45 राजकीय, 81 सहायता प्राप्त और 178 वित्त विहीन विद्यालय है। इन विद्यालयों में करीब साढ़े चार हजार शिक्षक कार्यरत है। प्रदेश सरकार ने फरमान जारी करके माध्यमिक के राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्त विहीन विद्यालयों में तैनात शिक्षकों का आधार नंबर उपलब्ध कराने के आदेश दिए है।
शासन ने एक फार्मेट जारी करके यूडीआईएएस कोड, आधार नंबर के साथ विद्यालय का नाम, प्रधानाचार्य का नाम और मौजूदा मोबाइल नंबर दर्ज किया जाना है। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में बीते एक सप्ताह से शिक्षकों के आधार नंबर व अन्य सूचनाएं एकत्रित किए जा रहे है।
ये सूचनाएं 30 अक्तूबर तक शासन को उपलब्ध करानी है। इन सूचनाओं की एक कॉपी एक्सल शीट पर परियोजना निदेशक को ईमेल के माध्यम से भेजनी है। शासन की मंशा प्रेदश के प्रत्येक जिले के राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्त विहीन विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की वास्तविक स्थिति से अवगत होना है।
एडेड और वित्त विहीन शिक्षक उपलब्ध नहीं करा रहे आधार : जिविनि
जिला विद्यालय निरीक्षक आरके तिवारी ने बताया कि शासन ने 30 अक्तूबर तक सभी शिकक्षों का आधार नंबर समेत अन्य जानकारियां मांगी है। जिले के राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों ने तो डाटा उपलब्ध कराया दिया है, लेकिन सहायता प्राप्त और वित्त विहीन शिक्षक डाटा उपलब्ध कराने में देरी कर रहे है।