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इलाहाबाद : योग्य शिक्षकों के योग सिखाने से मिलेगा लाभ, प्रदेश के माध्यमिक व बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में छात्र-छात्रओं को योगा सिखाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना जरूरी

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YOGA : योग्य शिक्षकों के योग सिखाने से मिलेगा लाभ, प्रदेश के माध्यमिक व बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में छात्र-छात्रओं को योगा सिखाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना जरूरी

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश के माध्यमिक व बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में छात्र-छात्रओं को योगा सिखाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना जरूरी है। बच्चों को योगा का सही लाभ तभी मिलेगा, जब प्रशिक्षित शिक्षक सही विधियों की जानकारी देंगे। यह दावा क्रिया योग आश्रम एवं अनुसंधान संस्थान झूंसी की महासचिव व संचालिका ज्ञानमाता ने किया है।

क्रिया योग संस्थान की संचालिका ने माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव व बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा को इस संबंध में एक प्रस्ताव भी सौंपा है। इसमें कहा गया है कि आध्यात्मिक विद्या को विद्यार्थियों को प्रदान करने के लिए एक सुव्यस्थित योजना की जरूरत है। सिर्फ पाठ्यक्रम में योगा शामिल करने और अप्रशिक्षित शिक्षकों की ओर से कराए जा रहे अभ्यास से बच्चों को लाभ नहीं मिलेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि जब हमने मानव जीवन में योग साधना की उपलब्धियों को पहचानकर विद्यार्थियों में इस अभ्यास को कराना आवश्यक मान लिया है और हर स्कूल में इसे अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया जा रहा है तब योगा के योग्य शिक्षकों का होना जरूरी है। दोनों सचिवों ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनके प्रस्ताव को वह अपने बोर्ड की बैठक में रखेंगे और प्रशिक्षण को स्वीकार करने की योजना बनाएंगे। उनके साथ वरिष्ठ शिक्षक नेता डा. शैलेश कुमार पांडेय भी रहे।

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश के माध्यमिक व बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में छात्र-छात्रओं को योगा सिखाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना जरूरी है। बच्चों को योगा का सही लाभ तभी मिलेगा, जब प्रशिक्षित शिक्षक सही विधियों की जानकारी देंगे। यह दावा क्रिया योग आश्रम एवं अनुसंधान संस्थान झूंसी की महासचिव व संचालिका ज्ञानमाता ने किया है। 1क्रिया योग संस्थान की संचालिका ने माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव व बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा को इस संबंध में एक प्रस्ताव भी सौंपा है। इसमें कहा गया है कि आध्यात्मिक विद्या को विद्यार्थियों को प्रदान करने के लिए एक सुव्यस्थित योजना की जरूरत है। सिर्फ पाठ्यक्रम में योगा शामिल करने और अप्रशिक्षित शिक्षकों की ओर से कराए जा रहे अभ्यास से बच्चों को लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब हमने मानव जीवन में योग साधना की उपलब्धियों को पहचानकर विद्यार्थियों में इस अभ्यास को कराना आवश्यक मान लिया है और हर स्कूल में इसे अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया जा रहा है तब योगा के योग्य शिक्षकों का होना जरूरी है। दोनों सचिवों ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनके प्रस्ताव को वह अपने बोर्ड की बैठक में रखेंगे और प्रशिक्षण को स्वीकार करने की योजना बनाएंगे। उनके साथ वरिष्ठ शिक्षक नेता डा. शैलेश कुमार पांडेय भी रहे।

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