इलाहाबाद : ओएमआर में गलती करने वालों को राहत के आसार
अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद । सवाल तो तकरीबन सभी हल कर लिए लेकिन ओएमआर भरने में छोटी सी गलती कर दी और नौकरी गंवा बैठे। आरओ-एआरओ परीक्षा-2014 में ऐसे कई मामले सामने आने के बाद आगामी परीक्षाओं में प्रतियोगियों को राहत देने के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने गलती करने वालों से लिखित आवेदन मांगे हैं ताकि इस समस्या के निस्तारण पर विचार किया जा सके।
दरअसल, आरओ-एआरओ परीक्षा-2014 में कई अभ्यर्थियों को शून्य अंक मिल गए थे। अभ्यर्थियों का आरोप था कि परीक्षा परिणाम तैयार करने में लापरवाही की गई है। अभ्यर्थियों की शिकायत पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव जगदीश ने परीक्षा नियंत्रक से इसकी जांच कराई। जांच-पड़ताल में पता चला कि बहुत से अभ्यर्थी ओएमआर शीट पर सिरीज नंबर भरना भूल गए हैं और इसी वजह से उनकी कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हुआ। ऐसे अभ्यर्थियों को शून्य अंक दिया गया। इनमें से कुछ अभ्यर्थी ऐसे थे, जिनका दावा था कि उनकी परीक्षा बहुत अच्छी हुई है और अगर उनकी कॉपियों का मूल्यांकन होता तो आरओ-एआरओ में उनका चयन हो जाता। अन्य परीक्षाओं में भी इस तरह की गलती करने वाले प्रतियोगियों की संख्या काफी अधिक होती है लेकिन इनमें से 10-15 अभ्यर्थी ऐसे होते हैं, जो गंभीरता से तैयारी करते हैं और मानवीय भूल के कारण उनकी कॉपियों को मूल्यांकन नहीं हो पाता है।
इन तमाम मुद्दों के साथ कुछ प्रतियोगियों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव जगदीश से मुलाकात की और उन्हें समस्या से अवगत कराया। सचिव से मांग की गई कि इस तरह की गड़बड़ियों की मैनुअल तरीके से जांच करा ली जाए और अगर प्रतियोगी रोल नंबर, सिरीज नंबर भरना भूल गए हैं या किसी अन्य मानवीय गलती के कारण उसका परिणाम प्रभावित हो रहा है तो प्रतियोगियों को गलती सुधारने का मौका दिया जाए। सचिव को यह भी बताया गया कि मैनुअल जांच कराकर त्रुटि दूर किए जाने की व्यवस्था लागू थी लेकिन पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल में इसे समाप्त कर दिया गया। मामले में सचिव जगदीश का कहना है कि कुछ अभ्यर्थी आए थे। उन्हीं अभ्यर्थियों ने बताया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2017 में भी ऐसी गलतियां हुई हैं। अभ्यर्थियों से कहा गया है कि वे लिखित रूप से आवेदन करें। उनकी समस्या के निराकरण पर विचार किया जाएगा। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का कहना है कि सचिव से आश्वासन मिलने के बाद प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को राहत मिलने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं।