लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश भर से हजारों की संख्या में आई महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सोमवार सुबह नियमितीकरण समेत 16 सूत्रीय मांगों को लेकर जीपीओ पार्क में प्रदर्शन शुरू कर दिया। महिलाओं ने प्रदेश सरकार विरोधी और शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने विधानसभा मार्ग और राजभवन रोड पर जाम लगा दिया। महिलाएं प्रदर्शन के दौरान भाजपा मुख्यालय में घुस गई। उन्होंने सीएम आवास का घेराव के लिए भी कूच किया। पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर उन्हें रोक लिया। सुबह से लेकर रात तक अफरातफरी का माहौल रहा।
प्रदर्शन कर रही महिलाएं सभी दोपहर करीब एक बजे पार्क से निकल कर विधानसभा मार्ग पर बैठ गई। जिससे शहर की लाइफ लाइन रुक गई और पूरे क्षेत्र में भीषण जाम लग गया। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए महिलाओं को समझाने का प्रयास किया पर वह नहीं मानी। इस बीच कार्यकर्ता महिलाओं में इंदू वर्मा, ऊषा मौर्या, छमा वर्मा समेत अन्य महिलाएं नारेबाजी करे हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात करने का हवाला देते हुए मुख्यालय में घुस गई।
हालांकि पुलिस ने उन्हें वहां से निकाल लिया। विरोध पर करीब दो बजे पुलिस से उनकी नोकझोंक के बाद धक्कामुक्की शुरू हो गई। पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज कर दी। इस पर महिलाएं भागीं और उन्होंने घेराव के मद्देनजर सीएम आवास की ओर कूच किया। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वह राजभवन रोड पर बैठ गई। जिससे यहां भी भीषण जाम लग गया। हालात बिगड़ते देख महिला पुलिस कर्मियों ने उन्हें खींचकर हटाया और जीपीओ पार्क के पास की गई रस्सी के बैरीकेडिंग के अंदर कर दिया।
आक्रोशित महिलाओं ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया और मिर्ची पाउडर झोंक दिया। यह देख पुलिस ने फिर लाठीचार्ज शुरू कर दिया। महिलाएं पार्क के अंदर भागी तो पुलिस ने उन्हें वहां पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस दौरान कई महिलाएं और पुलिस कर्मी चोटिल हुए। फिर यह महिलाएं विधानसभा मार्ग पर पहुंच गई। देर शाम सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन पहुंचे। उन्होंने एएसपी पूर्वी सर्वेश मिश्रा, एएसपी विधानसभा राहुल मिठास, सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा के साथ महिलाओं को समझाने का प्रयास किया और 15 मिनट के अंदर सड़क खाली करने के निर्देश दिए।
फिर भी वह नहीं मानी। इसके बाद पुलिस ने करीब छह बजे उन पर वाटर कैनन मंगाकर पानी फेंकना फेंकवाया। इस दौरान एक महिला की हालत बिगड़ गई और वह अचेत होकर गिर गई। फिर भी महिलाएं अपनी जिद पर अड़ी रहीं। उन्होंने 16 सूत्रीय मांगों का शासन से जिओ लिए बिना जाने से इंकार कर दिया। करीब सात बजे सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा का पत्र दिया। जिसमे लिखा था कि नौ नवंबर को दोपहर डेढ़ बजे शासन में बैठक के दौरान उनके प्रतिनिधि मंडल की बात कराई जाएगी। उनकी मांगे शासन में रखी जाएंगी। पर महिलाओं ने उसे भी मानने से मना कर दिया। महिलाएं मांगों का जिओ मांगती रही।
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