सिद्धार्थनगर : बच्चों की शिक्षा ही सबसे बड़ी पूंजी, अच्छा विद्यार्थी व नागरिक बनाने के लिए अभिभावकों को भी महती भूमिका निभानी पड़ेगी।
सिद्धार्थनगर : किसी भी अभिभावक के लिए बच्चे धरोहर होते हैं। यदि इन्हें संभाल लिया तो निश्चय ही उनके लिए इससे बड़ी पूंजी नहीं हो सकती है। इसके लिए हर कदम एहतियात बरतने की आवश्यकता है। घर से लगायत स्कूल तक की प्रत्येक गतिविधियों पर पैनी नजर रखने की पहल होनी चाहिए।
उपरोक्त बातें राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत अवकाश प्राप्त प्रधानाध्यापक डा. अरुणेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी ने कही। वह शुक्रवार को रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कालेज में आयोजित अभिभावकों की गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कहा कि जो अभिभावक सतर्क नहीं है उसे कुछ नहीं मिलेगा। यदि अपने बच्चों का विकास चाहते हैं तो विद्यालय से निरंतर संपर्क बनाने की पहल करें। विद्यालय के निदेशक ब्रज किशोर त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा केवल शिक्षा नहीं, वरन संस्कारयुक्त होना चाहिए। विद्यालय के संपर्क में रहने वाले अभिभावकों का बच्चा कभी भी गलत रास्ते पर नहीं जा सकता है। प्रधानाचार्य डा. लालता प्रसाद पांडेय ने कहा कि बालक अभिभावक के जीवन का कलेवर होता है। यदि बच्चे को समय न देकर धन कमाने पर ज्यादा जोर देंगे और बालक अच्छा नहीं निकला तो कमाया हुआ धन बेकार हो जाएगा। अच्छा विद्यार्थी व नागरिक बनाने के लिए अभिभावकों को भी महती भूमिका निभानी पड़ेगी।
अखिलेश श्रीवास्तव, सुभाष चन्द्र चौधरी, वेद प्रकाश शुक्ला, अरुण ¨सह, राधेश्याम वर्मा, नागेन्द्र मिश्र, चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी, सुशील कुमार द्विवेदी, सत्येन्द्र कुमार, जीतेन्द्र कुमार भाष्कर, रितेश कुमार श्रीवास्तव, गिरीश चन्द्र, चंदन कुमार, मनोज चौहान, राम गोपाल, मो. फारूख, प्रमोद कुमार मोदनवाल, ओम प्रकाश यादव, राजेश कुमार, वीरेन्द्र कुमार मालवीय, इफ्तखार अहमद, रवीन्द्र नाथ पांडेय, वशिष्ठ धर द्विवेदी आदि की मौजूदगी रही।