लखनऊ : जाली मार्कशीट बनाने वाले गैंग का खुलासा, क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक गैंग का नेटवर्क पूरे देश में फैला
लखनऊ : अलग-अलग बोर्ड की दसवीं से लेकर हायर एजूकेशन की जाली डिग्रियां बनाने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए क्राइम ब्रांच ने रविवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया है। हत्थे चढ़े आरोपितों के पास से 200 जाली मार्कशीट और सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं। पुलिस के अनुसार पूछताछ में पता चला है कि मोटी रकम लेकर डिग्रियां बनाने वाले गिरोह का सरगना राजस्थान की बाड़मेर जेल में बंद है। पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि जाली डिग्रियों से कितने लोग नौकरी कर रहे हैं।
क्राइम ब्रांच के अनुसार नाका के हीवेट रोड स्थित एक कमरे से जाली मार्कशीट व सर्टिफिकेट का रैकेट संचालित होने की सूचना मिली थी। एक महीने तक नजर रखने के बाद रविवार को छापा मारा गया। मौके से मथुरा निवासी अमित सिंह, बिहार के साजिद और खालिद व हरदोई के विकास को दबोचा गया। कमरे से दो सौ से ज्यादा जाली मार्कशीट और सर्टिफिकेट बरामद हुए। इनमें यूपी, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब बोर्ड की दसवीं और 12वीं की मार्कशीट व सर्टिफिकेट शामिल है। इसके साथ ही कई ओपन युनिवर्सिटी, मदरसा, इंजीनयरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज के सर्टीफिकेट के साथ ही सभी बोर्ड के सचिव और अन्य अधिकारियों की मुहर और डिजीटल सिग्नेचर भी पाए गए।
देश भर में फैला है जाल
क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक गैंग का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। जाली सर्टिफिकेट बनाने वाले गैंग की सूचना राजस्थान पुलिस ने मिली थी। छानबीन के दौरान जालसाजों के बनाए हुए कुछ जाली सर्टीफिकेट हाथ लगे। इसके बाद से गैंग के बदमाशों पर नजर रखी जा रही थी। पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि जाली मार्कशीट व सर्टिफिकेट के लिए पचास हजार से पांच लाख रुपये तक लेकर वसूलते थे। टीम बाड़मेर में बंद सरगना से पूछताछ की तैयारी कर रही है।