इलाहाबाद : पांच सौ विद्यालय इस बार नहीं बन सकेंगे परीक्षा केंद्र, पिछले तीन वर्षो में डिबार हुए कॉलेज इस बार केंद्र निर्धारण से रहेंगे बाहर
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 में केंद्रों की सूची काफी कम रहेगी, वहीं जो विद्यालय पिछले वर्षो में डिबार रहे हैं, वह किसी भी दशा में परीक्षा केंद्र नहीं बन सकेंगे। साथ ही जो केंद्र डिबार होने की तीन वर्ष की मियाद पूरी कर चुके हैं, वह फिर से दावेदारों की सूची में शामिल हो जाएंगे। बोर्ड ने अभी पिछले वर्ष के डिबार केंद्रों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया है, लेकिन कुल विद्यालयों की तादाद करीब 500 के अंदर बताई जा रही है। माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की परीक्षा में सामूहिक नकल या फिर अन्य कई प्रकार की अनियमितताएं होने पर केंद्रों को डिबार कर दिया जाता है। डिबार यानी काली सूची में डाले गए स्कूल को फिर तीन वर्ष तक केंद्र न बनाए जाने का प्रावधान है। दो वर्ष पहले तक काली सूची के विद्यालयों की तादाद एक हजार से अधिक रही है। इसकी वजह यह रही है कि प्रदेश के जिन स्कूलों ने पंजीकरण आदि में विलंब किया था, उन्हें डिबार करने का शासन ने आदेश दिया था। इससे कई जिलों में केंद्र निर्धारण में परेशानी हुई थी। अब प्रदेश भर के डिबार स्कूलों की सूची घटकर पांच सौ के अंदर रह गई है। हालांकि पिछले वर्ष नई सरकार आने के बाद बड़ी संख्या में स्कूलों में कई विषयों की दोबारा परीक्षा करानी पड़ी थी। यह हाल प्रतापगढ़ के साथ ही पूरब व पश्चिम के कई जिलों का हाल रहा है। इन विद्यालयों के संबंध में बोर्ड प्रशासन को बैठक करके अंतिम निर्णय लेना है कि इसमें कौन-कौन स्कूल डिबार की श्रेणी में आते हैं। शासन ने इस वर्ष की परीक्षा नीति जारी कर दी है, लेकिन अब तक डिबार स्कूलों की अंतिम सूची फाइनल नहीं हो सकी है इसके बिना केंद्र निर्धारण शुरू नहीं हो सकता है। वहीं, नए सॉफ्टवेयर में जिन स्कूलों को डिबार किया जाएगा, उन्हें किसी भी दशा में केंद्र नहीं बनाया जा सकता है। बोर्ड सूत्रों की मानें तो डिबार केंद्रों की सूची जल्द ही फाइनल होगी। उसके बाद केंद्र निर्धारण का कार्य तेज होगा। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि जल्द ही डिबार केंद्रों की सूची फाइनल करके केंद्र निर्धारण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।