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गोण्डा : सूबे के परिषदीय विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर बनेंगे बाल मैत्रिक शौचालय

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गोण्डा : सूबे के परिषदीय विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर बनेंगे बाल मैत्रिक शौचालय

रमेश पांडेय , धानेपुर (गोंडा) । सूबे के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी परिषदीय विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर बाल मैत्रिक शौचालय को विकसित किया जायेगा। ताकि स्वच्छता बनी रहे और बच्चों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। शासन स्तर पर इसके लिए तीन महीने का समय निर्धारित किया गया है।

जिला स्तर पर इसके क्रियान्वयन के लिए 31 जनवरी 2018 तक की तिथि नियत की गयी है। निदेशक पंचायती राज/मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के 12 अक्टूबर 2017 के पत्र का संदर्भ ग्रहण करने के लिए डीएम ने सभी बीडीओ व एडीओ पंचायतों को पत्र लिखा है। जिसमें बाल मैत्रिक शौचालय के उन्मुखीकरण, सर्वेक्षण व जीपीडीपी में शामिल करने के साथ विकसित करने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है। शासन स्तर पर संज्ञान लिये जाने के बाद जिला प्रशासन ने इस पर पहल शुरू की है।

डीएम ने जिले के सभी बीडीओ व एडीओ पंचायतों को पत्र लिखकर स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूर्व में बने शौचालयों की मरम्मत, जीर्णोद्धार व विस्तार किये जाने के संबंध में 31 जनवरी 2018 तक कार्य योजना तय कर दी है। पत्र में कहा गया है कि स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में समुचित स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता बच्चों में शुरू से ही स्वच्छ व्यवहार अपनाने तथा शौचालय के उपयोग की आदत डालने के लिए अतिआवश्यक है। वहीं दूसरी ओर गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने तथा उसकी स्थिरता अपरिहार्य है। इस लिहाज से 3 माह के भीतर प्रदेश के सभी परिषदीय प्राथमिक एवं अपर प्राथमिक विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल मैत्रिक शौचालयों को विकसित करना अनिवार्य हो गया है। इसके लिए समय सीमा तय कर अमल में लाने का निर्देश दिया गया है। इसकी मानीटरिंग के लिए स्टेट और मंडल स्तर पर कंसल्टेंट नामित किया गया है ताकि आवश्यक सलाह मशविरा किया जा सके। प्रभारी एडीओ पंचायत मुजेहना रवि मिश्रा ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि डीएम का पत्र मिला है। इससे सभी पंचायत सचिव को अवगत करा दिया गया है कि अपने-अपने क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालयों की स्थिति से अवगत करायें, ताकि बाल मैत्रिक शौचालयों को विकसित किया जा सके। 
कब तक क्या करना है ।

सभी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों का सर्वेक्षण पूर्ण कर कितने विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल मैत्रिक शौचालय विकसित किये जाने की आवश्यकता है। इसका - 26 अक्टूबर तक निर्धारण पंचायत सचिव व एडीओ पंचायत को संयुक्त रूप से करना है।
चिह्नित स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बने शौचालय को बाल मैत्रिक शौचालय विकसित करने के लिए जीपीडीपी में सम्मिलित कराकर प्लान प्लस पर 10 नवंबर 2018 तक एडीओ पंचायत को अपलोड करना है। 

31 दिसंबर 2018 तक समस्त चिह्नित स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल मैत्रिक शौचालयों को सभी पंचायत सचिवों को विकसित करना है।
प्रत्येक बाल मैत्रिक शौचालय का एम सेट पर जियो टैगिंग अभी से शुरू कर शत-प्रतिशत 31 जनवरी 2018 तक सभी पंचायत सचिव व एडीओ पंचायत करेंगे।

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