लखनऊ : टीईटी को नकलविहीन करवाने की व्यवस्था फुलप्रूफ रैण्डम तरीके से आवंटित हुए परीक्षा केन्द्र
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ, प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय । अध्यापक पात्रता परीक्षा 2017 (टीईटी) को नकल के भरोसे पास करने वाले सावधान हो जाएं । 7-8 जिलों से फार्म भरने वाले अभ्यर्थियों का केवल एक ही फार्म स्वीकार किया गया है। वे केवल एक ही जिले से परीक्षा दे सकेंगे। वहीं आगे-पीछे फार्म भरने वालों को भी एक ही परीक्षा केन्द्र आवंटित नहीं किया गया है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी की सचिव सुत्ता सिंह ने बताया कि इस बार परीक्षा को नकलविहीन बनाने की फुलप्रूफ व्यवस्था की गई है। टीईटी 2017 में इस बार हजारों की संख्या में फार्म रद्द कर दिए गए हैं। वजह यह है कि एक ही अभ्यर्थी ने कई-कई जिलों से फार्म भर दिया था। अधिकारियों के मुताबिक इसके पीछे मंशा यह रहती है कि जिस भी जिले में नकल का जुगाड़ हो पाता है, वहां से परीक्षार्थी परीक्षा देता लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने नकलचियों की इस मंशा को भांपते हुए फार्म रद्द कर दिया है।
ऐसे अभ्यर्थियों का केवल आखिरी फार्म ही स्वीकार किया गया है। ऐसा इसलिए संभव हो पाया कि सॉफ्टवेयर एक जैसे ब्यौरों वाले फार्मों को एक जगह दिखा पाया। वहीं परीक्षा केन्द्रों को रैण्डम तरीके से परीक्षार्थी आवंटित किए गए और आगे-पीछे फार्म भरने वाले परीक्षार्थियों की सूची के क्रम को भी तोड़ दिया गया। परीक्षार्थी को केन्द्र भी रैण्डम तरीके से आवंटित किया गया।
मान लीजिए एक जिले में 1 लाख अभ्यर्थी हैं तो ऐसा नहीं किया कि पहले 200 को एक ही परीक्षा केन्द्र आवंटित कर दिया गया। परीक्षा केन्द्र और परीक्षार्थी की सूचियों को ऊपर-नीचे करके आवंटन किया गया है। टीईटी के प्रश्नपत्र स्टेटिक मजिस्ट्रेट ही सचल दस्ते के साथ ट्रेजरी के डबल लॉकर से निकालेंगे और केन्द्र तक पहुंचाएंगे। वहीं केन्द्र व्यवस्थापक के सामने प्रश्नपत्र के बण्डल की सील तोड़ेंगे। इसकी वीडियोग्राफी होगी। परीक्षा के बाद उत्तरपुस्तिकाओं को जमा करके डबल लॉकर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी स्टेटिक मजिस्ट्रेट को दी गई है।