मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ेगी सरकार, अगले सत्र से NCERT की किताबें पढ़ेंगे छात्र
टीम डिजिटल/अमर उजाला, लखनऊ । यूपी के 16 हजार से अधिक मदरसों में छात्रों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। उन्हें एनसीईआरटी की अंग्रेजी, गणित और विज्ञान की किताबें पढ़ाई जाएंगी। नई व्यवस्था अगले शिक्षण सत्र से लागू होगी। इनमें विज्ञान और गणित की पुस्तकें उर्दू भाषा में होंगी। इस पर मदरसों ने सहमति भी दे दी है। एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने के लिए सरकार मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति भी करेगी।
उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने सोमवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि मदरसों में मजहबी शिक्षा से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। उन्हें केवल मुख्य धारा से जोड़ने के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का कहना है कि मुस्लिमों को वोट बैंक मानकर उन्हें आधुनिक शिक्षा से दूर रखा गया। केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार चाहती है कि मुस्लिम युवाओं के एक हाथ में पवित्र कुरान और दूसरे में कम्प्यूटर हो।
राजनीतिक हलकों और शिक्षा क्षेत्र में हलचल
योगी सरकार के इस फैसले से राजनीतिक हलकों और शिक्षा क्षेत्र में हलचल पैदा हो गई थी। जिस पर उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू होंगे, लेकिन मजहबी शिक्षा से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि मदरसों के विद्यार्थियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ही एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा।
मुस्लिम युवाओं को आधुनिक शिक्षा से दूर रखा गया
डॉ. शर्मा ने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को बिना किसी जाति, धर्म व संप्रदाय के भेदभाव के विकास के समान अवसर मिले। सभी को आधुनिक शिक्षा का लाभ प्राप्त करने का अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले मुस्लिम युवाओं को राजनीतिक इस्तेमाल तक सीमित रखा गया। वोट बैंक मानकर उन्हें आधुनिक शिक्षा से दूर रखा गया।
आधुनिक शिक्षा से जोड़कर नहीं कर रहे कोई पाप
उप मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि जिस मुस्लिम समुदाय ने अब्दुल कलाम जैसे राष्ट्रपति और अश्फाक उल्ला खां जैसे क्रांतिकारी दिए, उस समुदाय को शिक्षा से वंचित रखना महापाप था। तमाम मुस्लिम देशों के मदरसों में भी विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा दी जाती है। मुस्लिम युवाओं को आधुनिक शिक्षा से जोड़कर सरकार कोई पाप नहीं कर रही, बल्कि इन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया है। कहा, पवित्र कुरान हम सबके लिए मान्य है।