इलाहाबाद : UPTET में दो लाख में नकल का ठेका, कान में डिवाइस लगाकर पेपर सॉल्व कराने की थी योजना, दो शातिर गिरफ्तार
हिन्दुस्तान टीम, इलाहाबाद । अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में नकल माफियाओं ने इलेक्ट्रानिक डिवाइस की मदद से फर्जीवाड़ा करने का इंतजाम कर लिया था। शुक्रवार को लखनऊ एसटीएफ ने जार्जटाउन में दबिश देकर दो नकल माफियाओं को गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने दो-दो लाख रुपये में नकल कराने का ठेका लिया था। इस गैंग का मास्टर माइंड सुरेन्द्र पाल व केएल पटेल फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में है।
एसटीएफ के एडिशनल एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि टीईटी की होने वाली 15 अक्तूबर की परीक्षा में नकल माफियाओं के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। सर्विलांस की मदद से एसटीएफ ने जार्जटाउन थाना क्षेत्र में दबिश देकर शुक्रवार को हासिमपुर चौराहे से बहरिया के संदीप पटेल और मऊआइमा के शिवजी पटेल को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से तीन मोबाइल, 31 इलेक्ट्रानिक डिवाइस, 25 स्टीकर, 28 ब्लूटूथ डिवाइस, 7 सिम कार्ड और 9670 रुपये बरामद हुआ है।
पुलिस की मानें तो इस गैंग का सरगना सुरेन्द्र और केएल पटेल हैं। वांछित केएल पटेल व्यापम घोटाले में भी पकड़ा गया था। जमानत पर छूटने के बाद वह ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षा में नकल करवाता है। पुलिस दोनों की तलाश में लगी है। उनके पकड़े जाने के बाद पता चलेगा कि प्रदेश के किस परीक्षा केन्द्र में उनकी सेटिंग थी जहां से पेपर आउट कराकर वह सॉल्वर की मदद से नकल कराते। इससे पहले सीपीएमटी की परीक्षा में इसी गैंग ने खेल किया था।
*क्या है नकल कराने का तरीका*
एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि नकल माफियाओं ने दिल्ली से बगिंग डिवाइस मंगाई थी जिसकी मदद से वे नकल कराते। परीक्षा केन्द्र में जाने वाले अभ्यर्थी को एक ब्लूटूथ डिवाइस और एक बगिंग डिवाइस दी जाती। ब्लूटूथ डिवाइस इतना छोटा है कि उसे कान के अंदर लगा देते। इसके बाद बगिंग डिवाइस जो एक क्रेडिट कार्ड जैसा है, जिसमें मोबाइल सिम लगा है, उसको अभ्यर्थी पर्स में रख लेते। जैसे ही नकल माफियाओं को किसी परीक्षा केन्द्र से पेपर मिलता, उसको बाहर सॉल्वर से सॉल्व कराते और कॉल करके अपने हर कंडीडेट को उत्तर बताते। बगिंग डिवाइस की क्वालिटी इतनी अच्छी है कि कॉल करते ही ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से उन्हें पूरी बात सुनाई देती।