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प्रतापगढ़ : 165 शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय ही लापता, गड़बड़झाला, बंद मिला स्कूल, हेडमास्टर समेत सात का रोका वेतन

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प्रतापगढ़ : 165 शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय ही लापता, गड़बड़झाला, बंद मिला स्कूल, हेडमास्टर समेत सात का रोका वेतन

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ 1बीएसए द्वारा ब्लाक सह समन्वयकों से कराए गए निरीक्षण में एक विद्यालय बंद मिला तथा दूसरे में हेडमास्टर व शिक्षामित्र ने आनलाइन आकस्मिक अवकाश नहीं लिया था। इस पर दोनों स्कूलों के हेडमास्टर, दो शिक्षक का वेतन तथा तीन शिक्षामित्रों का मानदेय रोक दिया। 1बाबागंज ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय अस्थवां में 24 नवंबर को 9:50 बजे पहुंचे ब्लाक सहसमन्वयक को विद्यालय बंद मिला। विद्यालय की चाबी रसोईया के घर से मंगाई गई और विद्यालय खोला गया। 1बीएसए ने 9.50 बजे तक विद्यालय बंद रहने पर प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेंद्र मिश्र, शिक्षक शेखर चंद्र शुक्ल के वेतन पर रोक लगा दी। यहां की शिक्षामित्र विद्योत्तमा शुक्ला व छाया देवी के मानदेय भुगतान पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। इसी प्रकार विकासखंड विहार के प्राथमिक विद्यालय टेकीपट्टी का निरीक्षण ब्लाक सहसमन्वयक से कराया गया। ब्लाक सह समन्वयक ने पाया कि प्रभारी प्रधानाध्यापक सुशील कुमार व शिक्षा मित्र सर्वजीत सिंह उपस्थित पंजिका पर अवकाश अंकित कर विद्यालय से अनुपस्थित रहे। 1बीएसए ने पाया कि आनलाइन आकस्मिक अवकाश नहीं लिया गया था। इस पर बीएसए ने प्रधानाध्यापक का एक दिन का वेतन व शिक्षामित्र का मानदेय रोक दिया।जासं, प्रतापगढ़1जिले के 165 शिक्षामित्रों ने अपनी नौकरी की शुरूआत कहां से की थी। यह विभाग को पता ही नहीं है। जिले में मौजूद रिकार्ड में इनके मूल विद्यालय का अता-पता ही स्पष्ट नहीं है। ऐसे में इन्हें मूल विद्यालय में भेजा कैसे जाए? लिपिकीय स्तर पर हुई इस भारी गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर भी अफसर इसकी जांच नहीं करवा रहे हैं। बल्कि इसे लिपिकीय त्रुटि बताकर टाल रहे हैं। 1सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद हो जाने के बाद शिक्षक बने 2155 शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय में भेजने के आदेश हुए थे। इसमें से करीब 1100 शिक्षामित्र तो अपने मूल विद्यालय में ही शिक्षक बन गए थे। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विभाग को करीब एक हजार से अधिक शिक्षकों को मूल विद्यालय में बतौर शिक्षामित्र वापस करना था। मगर आदेश को करीब तीन महीना बीत रहा है। 1अभी तक जिले के ढाई सौ से अधिक शिक्षामित्र मूल विद्यालयों में वापस नहीं भेजे जा सके हैं। क्योंकि ये शिक्षामित्र वहां जाना नहीं चाहते। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए इन लोगों ने जिले के रिकार्ड में अपने मूल विद्यालय का नाम गायब करा दिया है।1जब अफसरों पर दबाव बढ़ने लगा और छानबीन हुई तो पता चला कि जिले के 165 ऐसे शिक्षामित्र हैं, जिनके मूल विद्यालय का अता-पता जिले में नहीं है। ऐसे में अफसर परेशान हैं। बीएसए ने सभी अब ब्लाक स्तर से रिकार्ड तलाशने की कवायद शुरू की है। 1’>>मानदेय भुगतान के दौरान जिले की सूची में सामने आई खामी1’>>अफसर हुए परेशान, लिपिकीय त्रुटि बताकर झाड़ रहे पल्ला1165 शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय का पता जिले की सूची में स्पष्ट नहीं है। इसलिए खंड स्तर से रिपोर्ट मांगी गई है। यह लिपिकीय त्रुटि का मामला है। इसलिए जांच जैसी कोई बात नहीं है।1बीएन सिंह, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी

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