फर्रुखाबाद : आठवीं तक के बच्चों को वितरित की गई यूनिफार्म की दूसरी किस्त में 1.92 करोड़ रुपये की धनराशि जिला परियोजना को मिल गई
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : आठवीं तक के बच्चों को वितरित की गई यूनिफार्म की दूसरी किस्त में 1.92 करोड़ रुपये की धनराशि जिला परियोजना को मिल गई है। प्रथम किस्त में पांच करोड़ 78 लाख रुपये मिले थे। कुल मिलाकर यूनिफार्म के लिए सात करोड़ 70 लाख रुपये से अधिक धनराशि आ चुकी है। कई विद्यालयों में बच्चों को दो के बजाय एक सेट ही यूनिफार्म वितरित किये जाने की शिकायतों पर शत प्रतिशत विद्यालयों में सत्यापन कराने के आदेश दिये गए।
परिषदीय व अनुदानित विद्यालयों के बच्चों को 200 रुपये कीमत वाली यूनिफार्म के दो सेट वितरित किये जाते हैं। सर्व शिक्षा अभियान के बजट से सभी बालिकाओं, अनुसूचित जाति व गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के बालकों को वितरण किया जाता है। प्रथम किस्त में 1 लाख 92 हजार बच्चों के लिए 300 रुपये के हिसाब से धनराशि विद्यालयों के स्कूल प्रबंध समिति खाते में भेजी गई थी। अब द्वितीय किस्त में 100 रुपये छात्र के हिसाब से अवशेष धनराशि भेजने के लिए बजट आया है। इस बीच कई विद्यालयों में अभी तक दो के बजाय एक सेट यूनिफार्म वितरित किये जाने के मामले निरीक्षण के दौरान उभरकर सामने आ रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि ब्लाक संसाधन केंद्र के सहसमन्वयकों व न्याय पंचायत समन्वयकों से शत प्रतिशत विद्यालयों का सत्यापन कराकर दूसरा सेट भी दिलाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। इसकी अनुपालन आख्या भी मांगी गई है।
निर्धारित प्रपत्र पर उपभोग देने से कन्नी काटी
नियमानुसार प्रथम किस्त की धनराशि का उपभोग प्रमाणपत्र दिए जाने के बाद ही दूसरी किस्त दी जा सकती है। स्थिति यह है कि कई ब्लाकों से निर्धारित प्रपत्र पर धनराशि के उपभोग का प्रमाणपत्र दिये जाने से कन्नी काट ली गई।
गड़बड़ी मिलने पर होगी रिकवरी व एफआइआर
यूनिफार्म वितरण में गड़बड़ी पर इस बार बड़ी कार्रवाई किये जाने के निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे गए हैं। मुख्य सचिव की ओर से भेजे गये निर्देश में कहा गया है कि निरीक्षण के समय विद्यालय में सैंपल न मिलने या सैंपल से इतर यूनिफार्म का वितरण करने पर संबंधित प्रधानाध्यापक व विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष के विरुद्ध रिकवरी व एफआईआर की कार्रवाई खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा की जाये। फर्जी छात्र संख्या दर्शाकर वास्तविकता से अधिक वितरण दिखाने व नकद भुगतान पर भी रिकवरी व एफआईआर कार्रवाई को कहा गया है। सामुदायिक शिक्षा की जिला समन्वयक सरिता त्रिवेदी का कहना है कि निर्धारित प्रपत्र पर उपभोग प्रमाणपत्र मांगा गया है। इसके आते ही दूसरी किस्त विद्यालयों में स्थानांतरित कर दी जाएगी।