लखनऊ : डिवाइस लगी बनियान व ब्लू टूथ की मदद से पेपर हल कराता था सॉल्वर गैंग, लेता था 2-3 लाख, तीन गिरफ्तार
ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ । एसटीएफ ने हाईकोर्ट की ग्रुप सी और डी की परीक्षा में सेंध लगाने वाले सॉल्वर गैंग के तीन सदस्यों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। ये दो से तीन लाख में अभ्यर्थियों को पेपर हल कराते थे। इस मामले में अब तक 23 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। रविवार को गोरखपुर, बस्ती, मोदीनगर से कुल 16 व शनिवार को इलाहाबाद से चार लोग दबोचे गए थे।
एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि कृष्णानगर से रविशंकर, जयकेश और अच्युतानंद को गिरफ्तार किया है। इनके पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगी सात बनियान, 6 ब्लू टूथ डिवाइस, नौ ब्लूटूथ बैट्री, आठ फर्जी तरीके से बनाए गए आधार कार्ड बरामद की गई है। एसटीएफ एसएसपी के अनुसार, हाईकोर्ट इलाहाबाद की ग्रुप-सी और ग्रुप-डी की परीक्षा में अलग-अलग स्थानों पर सॉल्वर गैंग के सक्रिय होने की सूचनाएं मिली थीं। पूर्व में एसटीएफ ने इलाहाबाद और गोरखपुर से गिरफ्तारियां भी की थीं।
लखनऊ में सक्रिय गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस उपाधीक्षक पीके मिश्रा और इंस्पेक्टर अंजनी तिवारी के नेतृत्व में टीमें लगाई गई थीं। सटीक सूचना पर एसटीएफ की टीम ने कृष्णानगर स्थित पिकेडली होटल के पास से रविशंकर, जयकेश और अच्युतानंद को गिरफ्तार कर लिया। अभिषेक ने बताया कि रविवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की ग्रुप सी व डी की परीक्षा थी। यह गैंग दूसरे अभ्यर्थियों को संसाधन मुहैया कराने की कोशिश में जुटा था, इसी दौरान एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया।
पकड़े गए युवकों में रविशंकर पुत्र लल्लन तिवारी बिहार के जिला गोपालगंज का रहने वाला है। जयकेश पुत्र जयप्रकाश मिश्र बलिया के रसड़ा का रहने वाला है। वहीं अच्युतानंद पांडेय पुत्र हर्ष कुमार पांडेय कुशीनगर जिले के तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र का रहने वाला है। इन सॉल्वरों को रविवार को दूसरी पाली में होने वाली परीक्षा का पेपर हल कराना था।
10 चेक और आठ हजार रुपये नकद भी बरामद
एसटीएफ ने इनके पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगी सात बनियान, दो ब्रा, 6 ब्लू टूथ डिवाइस, नौ ब्लूटूथ बैट्री, 3 मोबाइल फोन, 8 फर्जी तरीके से बनाए गए आधार कार्ड व वोटर आईडी बरामद की है। इसके अलावा कई अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, पांच एटीएम कार्ड, 10 चेक और आठ हजार रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं।
इलेक्ट्रानिक डिवाइस से हल कराते थे पेपर
एसएसपी एसटीएफ की मानें तो यह गिरोह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से अभ्यर्थियों का पेपर हल करता था। इसके लिए वास्तविक अभ्यर्थी के स्थान पर नकली प्रवेश पत्र के माध्यम से सॉल्वर गैंग का सदस्य परीक्षा हॉल में बैठता था और बाहर से उसका साथी इलेक्ट्रानिक डिवाइस के माध्यम से पेपर हल करा देता था। अभिषेक की मानें तो परीक्षा पास कराने के लिए अभ्यर्थियों से यह गिरोह 2 से 3 लाख रुपये लेता था।
डेढ़ दर्जन अभ्यर्थियों से एडवांस में लिए थे 50-50 हजार
एसटीएफ ने बताया कि इस गैंग ने पेपर हल कराने के लिए एक-एक अभ्यर्थी से 50-50 हजार रुपये एडवांस लिया था। ज्यादातर रकम सीधे खातों में मंगाई गई थी। गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह का सरगना रविशंकर तिवारी है। ये लोग पिछले तीन वर्ष से प्रतियोगी परीक्षाओं में धोखाधड़ी कर अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण कराने का धंधा कर रहे थे। पूछताछ में यह भी पता चला कि अच्युतानंद को वर्ष-2015 में सीपीएमटी का पेपर आउट कराने के मामले में एसटीएफ गिरफ्तार कर चुकी है।