आगरा : आगरा विवि से वर्ष 2004 के बाद जारी सभी बीएड प्रमाणपत्रों की होगी जांच
ब्यूरो/अमर उजाला आगरा । बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों में तैनात उन सभी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच कराएगा, जिन्होंने वर्ष 2004 के बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड किया है।
ऐसे सभी शिक्षकों की अंक तालिकाएं बीएसए कार्यालय में मंगाई जा रही हैं। नए सिरे से जांच के बाद फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर परिषदीय स्कूलों में नौकरी करने वाले शिक्षकों की संख्या बढ़ सकती है।
बीएसए अर्चना गुप्ता ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को 31 अक्तूबर को पत्र जारी किया है। इसमें सचिव बेसिक शिक्षा परिषद, इलाहाबाद के निर्देश का हवाला दिया गया है।
खंड शिक्षा अधिकारियों को वर्ष 2004 के बाद बीएड करने वाले सभी शिक्षकों की अंक तालिकाएं तीन नवंबर तक प्रत्येक दशा में बीएसए कार्यालय में भेजना है। बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को सचेत किया है कि शिक्षकों के प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने में किसी तरह की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।
शिक्षकों की अंक तालिकाओं के साथ निर्धारित प्रारूप पर जानकारी भी देनी होगी। इसमें अध्यापक का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, बीएड उत्तीर्ण वर्ष और कार्यरत विद्यालय का नाम बताना होगा।
विभागीय अधिकारियों के कड़े रुख को देखते खंड शिक्षा अधिकारियों ने पत्र प्राप्त होते ही शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच में जुट गए। कारण, तीन नवंबर तक सभी शिक्षकों की अंक तालिकाएं उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण होगा। जिले में 15 ब्लाक और चार खंड हैं। इनमें महज पांच खंड शिक्षा अधिकारी तैनात हैं।
एडी बेसिक को किसी की रिपोर्ट नहीं मिली
बीएड के फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी करने वाले शिक्षकों की तलाश मंडल के सभी जिलों में की जा रही है। बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षक पकड़े भी गए हैं। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक गिरजेश चौधरी के मुताबिक अभी किसी जिले ने सूची उपलब्ध नहीं कराई है। गुरुवार तक सूची मिलने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो आगरा में वर्ष 2004-05 के फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी करने वाले 80 से अधिक शिक्षक तलाशे जा चुके हैं।