इलाहाबाद : यूपी-टीईटी-2017 में अभ्यर्थियों के तीन नंबर तक बढ़ने की उम्मीद, अबतक हो चुके हैं दो बार संशोधन
इलाहाबाद । उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2017 में प्राथमिक स्तर का पेपर देने वाले अभ्यर्थियों के तीन नंबर तक बढ़ने की उम्मीद है। टीईटी की उत्तरमाला में अब तक दो बार संशोधन हो चुके हैं और कुल पांच प्रश्नों के उत्तर में बदलाव किए गए हैं। छह नवम्बर को पहली बार उत्तरमाला संशोधित की गई थी। विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने बुकलेट सीरीज 'ए' में उर्दू के प्रश्नसंख्या 76 व संस्कृत के प्रश्नसंख्या 76 को गलत मान लिया था और इन प्रश्नों को करने वाले सभी अभ्यर्थियों को एक-एक नंबर देने का निर्णय लिया गया था।
अंग्रेजी के एक प्रश्न के उत्तर में भी संशोधन किया गया था। वहीं 22 नवम्बर को दोबारा किए गए संशोधन में दो प्रश्नों के उत्तर बदले गए हैं। बुकलेट सीरीज 'ए' में बाल विकास एवं अधिगम के प्रश्नसंख्या 28 का उत्तर गलत मान लिया गया। लिहाजा इस प्रश्न को करने वाले सभी अभ्यर्थियों को समान रूप से एक-एक नंबर मिलेंगे। अनिवार्य विषय हिन्दी के प्रश्नसंख्या 45 के दो विकल्प को सही मान लिया गया है। इस प्रश्न में दोनों विकल्पों का गोला भरने वाले अभ्यर्थियों को एक-एक नंबर दिए जाएंगे। इस प्रकार दो संशोधनों के बाद जो तस्वीर उभरकर सामने आ रही है उसमें हिन्दी, बाल विकास के अलावा संस्कृत या उर्दू वैकल्पिक विषय के प्रश्नों को हल करने वाले अभ्यर्थियों को तीन नंबर तक मिलने की उम्मीद है।
कहीं हाई मेरिट तो कहीं पास होने की लड़ाई
इलाहाबाद। टीईटी 2017 के आधा दर्जन से अधिक प्रश्नों को लेकर कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की इलाहाबाद और लखनऊ पीठ में याचिकाएं दायर की है। इन याचिकाओं का मकसद हाई मेरिट और पास होना है। 15 अक्तूबर को आयोजित परीक्षा के लिए पौने दस लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। प्राथमिक स्तर की परीक्षा को लेकर अधिक विवाद है क्योंकि प्राथमिक स्कूलों में ही 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती होने जा रही है। शिक्षामित्र भी प्राथमिक स्तर की टीईटी में सम्मिलित हुए थे। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी हैं जो एक, दो या तीन नंबर से फेल हो रहे हैं। लिहाजा इन अभ्यर्थियों ने याचिका की है। उन अभ्यर्थियों ने भी याचिकाएं की है जो अपनी मेरिट सुधारना चाहते हैं ताकि प्रस्तावित 68500 भर्ती में नौकरी सुनिश्चित हो सके।