फतेहपुर : 26 दिन से आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला, रोका वेतन
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जिले के तेरह ब्लाकों के अंतर्गत खुले 2907 आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब 1500 केंद्रों में ताले लटक रहे हैं। कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की 26 दिन से चल रही अनवरत हड़ताल से हालत यह हो गई है कि केंद्रों में अध्ययनरत बच्चों घर में रहने को मजबूर हैं, जिससे उनकी पढ़ाई चौपट हो रही है। विभागीय कार्रवाई के नाम पर विभागीय डायरेक्टर ने हड़ताली 3100 कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के मानदेय पर रोक लगा दी है।
मानदेय बढ़ाने जैसी मांगों को लेकर महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की हड़ताल 22 अक्टूबर 2017 से अनवरत स्थानीय नहर कालोनी में चल रही है। शुक्रवार को भी प्रांतीय उपाध्यक्ष सुनंदा तिवारी के नेतृत्व में रीता सोनी, भारती द्विवेदी, इंद्रा कुमारी, ममता मिश्रा, रेहाना परवीन, सरिता पाल, नीलम वर्मा, सुनीता यादव मांगों को लेकर हुंकार भरती रहीं। बताते चलें कि हड़ताल से पचास फीसद आंगनबाड़ी केंद्र में ताले लटक रहे हैं। जिसका सर्वाधिक असर केंद्रों में अध्यनरत करीब साढ़े तीन लाख बच्चों पर पड़ रहा है उसमें 14 हजार से अधिक बच्चे अतिकुपोषित की श्रेणी में आते हैं, जिन्हें केंद्र बंद होने की वजह से पोषाहार सामग्री भी नहीं मिल पा रही है। हालांकि अक्टूबर माह में विभाग को पंजीरी का आंवटन नहीं हुआ था लेकिन नवंबर माह की पंजीरी 10 नवंबर से गोदाम में आनी शुरु हो गई है और अब उसे विभागीय अधिकारी खुले में केंद्रों में भेजना शुरु करेंगे। खास बात यह है कि जिन केंद्रों में ताले लटक रहे हैं वहां की पंजीरी का क्या होगा। इस बाबत विभागीय अफसर अभी कुछ भी नहीं बता रहे हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब ¨सह यादव का कहना था कि जिले की सदर तहसील व खागा तहसील के आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़े हैं, क्योंकि कार्यकर्ता व सहायिकाएं हड़ताल पर हैं, जिससे डायरेक्टर राजेंद्र कुमार ¨सह के निर्देश पर हड़ताली करीब 3100 कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के मानदेय पर रोक लगा दी गई है। कहा कि अक्टूबर माह में शासन से पंजीरी नहीं अवमुक्त हुई थी लेकिन नवंबर माह में पंजीरी आनी शुरू हुई है, जिसे शत प्रतिशत बच्चों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।