BSA, BASIC SHIKSHA NEWS : प्रदेश को जल्द मिलेंगे 300 से अधिक बीएसए, अब उप्र लोकसेवा आयोग छह दिसंबर को विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) कराएगा।
🔴 प्राइमरी का मास्टर डॉट नेट का एन्ड्रॉयड ऐप क्लिक कर डाउनलोड करें ।
🔵 बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम का एन्ड्रॉयड ऐप क्लिक कर डाउनलोड करें ।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश को 300 से अधिक बेसिक शिक्षा अधिकारी व उनके समकक्ष अफसर अगले माह मिलने जा रहे हैं। शासन ने लंबे समय से खाली चल रहे पदों को भरने के लिए निर्देश जारी किया, जिसे ‘दैनिक जागरण’ ने 12 नवंबर के अंक में ‘शिक्षकों की पदोन्नति को शासन से हरी झंडी’ प्रकाशित किया था। इन पदों के प्रमोशन में आ रही बाधा दूर करने को नियमावली को शिथिल करते हुए पहले ही अनापत्ति दी जा चुकी है। अब उप्र लोकसेवा आयोग छह दिसंबर को विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) कराएगा।
उप्र शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा समूह ‘ख’ उच्चतर के 50 फीसद पद उप्र लोकसेवा आयोग सीधी भर्ती से और इतने ही पद संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों की पदोन्नति से भरे जाते हैं। पदोन्नति की सेवा नियमावली 1992 में यह व्यवस्था है कि उप विद्यालय निरीक्षक व शिक्षणोत्तर शाखा में समकक्ष पदों पर उन्हीं की नियुक्ति होगी, जिन्होंने तीन वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो। यह पद 61 प्रतिशत शिक्षण पुरुष वर्ग, 22 प्रतिशत शिक्षण महिला व 17 फीसद निरीक्षण शाखा के अधिकारियों से आयोग पदोन्नति करके भरा जाना है। महकमे में 50 फीसद पदों पर प्रमोशन के लिए 391 पद स्वीकृत हैं। पुरुष शाखा के 61 फीसद सापेक्ष कुल स्वीकृत पद 239 हैं, उनमें नौ कार्यरत और 230 पद रिक्त हैं। शासन आयोग को अवगत करा चुका है कि 230 रिक्तियों के सापेक्ष पात्र अभ्यर्थी कम होने के कारण विभागीय कार्य हित में प्रशासकीय विभाग के प्रस्ताव पर 49 कार्मिकों को उप्र सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा नियमावली, 2006 के प्रावधानों में शिथिलीकरण प्रदान किए जाने पर कार्मिक विभाग ने अनापत्ति दी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक शिक्षण पुरुष वर्ग के चयन के लिए 2014 से 2017 की वर्षवार रिक्तियों के सापेक्ष पात्रता सूची और गोपनीय आख्या आयोग को भेजी। शिक्षा निदेशालय ने अधीनस्थ राजपत्रित शिक्षण महिला शाखा की समूह ‘ख’ में पदोन्नति के लिए भी कार्यवाही उपलब्ध करा चुका है।