लखनऊ : 434 पीपीएस को जबरन रिटायरमेंट की तैयारी, डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह ने खंगाले 10 साल के सर्विस रिकार्ड
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । प्रदेश के दो तिहाई पीपीएस अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देने की तैयारी हो गई है। लगभग 1200 पीपीएस अधिकारियों के कैडर में से 434 एएसपी और डिप्टी एसपी इस सूची में शामिल हैं। इसके अलावा जिलों में पचास साल से ऊपर के दागी सैकड़ों पुलिस कर्मियों की जांच चल रही है।
प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक और कार्मिक विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में इन अधिकारियों के 10 साल के सर्विस रिकार्ड की पड़ताल की गई। प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार, लापरवाह, अनुशासनहीन और अयोग्य प्रादेशिक सेवा के पुलिस अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए स्क्रीनिंग शुरू कर दी है।
गुरुवार को ऐसे 118 अपर पुलिस अधीक्षक और 316 के सर्विस रिकार्ड पर चर्चा की गई। इनके पिछले 10 सालों के कामों को कमेटी के सदस्यों ने परखा। पुलिस मुख्यालय की ओर से तैयार की गई इस रिपोर्ट में अयोग्य अधिकारियों के साथ ही ऐसे अफसरों के नाम भी शामिल किए गए हैं जिन्होंने अपने कामों से विभाग की छवि खराब की हो। उच्चाधिकारी हैरत में हैं कि पूरे 1200 के कैडर में करीब एक तिहाई दागी हैं। बैठक के बाद प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी ने लिस्ट में शामिल अफसरों पर चर्चा की है। हालांकि अभी इनके नामों को सार्वजनिक नहीं किया गया है।