इलाहाबाद : प्रदेश में 68 हजार 500 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती होनी है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही नया विवाद सामने आ गया
🔴 विज्ञापन जारी होने के बाद सामने आया नया विवाद
🔵 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा चुनौती
ब्यूरो/अमर उजाला, इलाहाबाद । प्रदेश में 68 हजार 500 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती होनी है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही नया विवाद सामने आ गया है। पहली बार शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराई जानी है। गत दिनों जारी विज्ञापन मेें कहा गया है कि प्रश्न पत्र में इंटरमीडिएट स्तर के सवाल पूछे जाएंगे। अब दिक्कत यह आ रही है कि कोई अभ्यर्थी कला वर्ग से है और उसके सामने इंटरमीडिएट स्तर का विज्ञान वर्ग से कोई सवाल आ जाता है तो वह इसे कैसे हल करेगा। इस देखते हुए अब पाठ्यक्रम में संशोधन पर विचार चल रहा है।
शासन ने शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन कराए जाने की घोषणा तो कर दी लेकिन पाठ्यक्रम को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। गत 29 अक्तूबर को जारी शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में कहा गया है कि पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है और परीक्षा में इंटरमीडिएट स्तर तक के सवाल पूछे जाएंगे। यहां समस्या यह है कि यूपी बोर्ड में हाईस्कूल के बाद पाठ्यक्रम काफी बदल जाता है। जरूरी नहीं कि सभी विद्यार्थी इंटर में विज्ञान वर्ग की पढ़ाई करें।
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि लिखित परीक्षा के दौरान अगर इंटर मीडिएट स्तर पर गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान या जीव विज्ञान से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं तो कला वर्ग से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण अभ्यर्थी इन सवालों को कैसे हल कर सकेंगे। फिलहाल परीक्षा नियामक प्राधिकारी को इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजना है। अफसर भी इस व्यवहारिक दिक्कत से वाकिफ हैं, सो अब इसमें संशोधन पर विचार चल रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर कोई निर्णय लिया जा सकता है।