सिद्धार्थनगर : प्रस्तावित परीक्षा केंद्रों पर 68 ने जताई आपत्ति
सिद्धार्थनगर : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित बोर्ड परीक्षा 2018 के लिए जिले में प्रस्तावित केंद्रों की सूची पर 68 विद्यालयों की ओर से आपत्ति मिली है। जिसके निस्तारण के लिए एक सप्ताह का समय मिला है। डीएम के निर्देश पर सीडीओ के देखरेख में आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए जिविनि ने सत्यापन के लिए कार्ययोजना तैयार कर भेज दी है।
सप्ताह भर पूर्व माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से आनलाइन आवेदन के आधार पर 63 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र के रूप में प्रस्तावित किया। इनमें बीते वर्षों में डिबार हो चुके, शिक्षक विहीन स्कूलों, कमरों के सापेक्ष अधिक छात्रों का आवंटन किए जाने जैसे खामियां उजागर हुई। प्रस्तावित केंद्रों में कई राजनीतिज्ञ दिग्गजों के भी स्कूल वंचित हो गए हैं। ऐसे दिग्गज जिविनि पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। अब उन्हें कौन समझाएं कि आनलाइन व्यवस्था में स्थानीय स्तर से गड़बड़ी नहीं हुई है। इसके बाद इस सूची आपत्ति मांगने के लिए 20 नवंबर सायं पांच बजे तय थी। निर्धारित तिथि तक जिले से 68 आपत्ति जिविनि कार्यालय को प्राप्त हुए हैं। आपत्ति में आनलाइन आवेदन में लक्ष्य के सापेक्ष परीक्षार्थियों की संख्या का अधिक आवंटन, छात्रों का परीक्षा केंद्र अधिक दूरी होने, शिक्षकों की घोर कमी के बाद भी केंद्र बनाने जैसे अहम ¨बदु शामिल हैं। जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू ने मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार मिश्र के देखरेख में आपत्तियों का निस्तारण करने के लिए निर्देशित किया है। निस्तारण 27 नवंबर तक कर दिया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. राज बहादुर मौर्य ने बताया कि उच्चाधिकारियों के देखरेख में सूची को अंतिम रूप दी जाएगी।
परीक्षा केंद्र निर्धारण में विभाग की मनमानी
बांसी : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 2018 में संचालित होने वाली बोर्ड परीक्षा हेतु केंद्र निर्धारण में नकल माफिया हावी रहे रहे। शिक्षा विभाग से इनकी सांठ-गांठ में कई प्रतिष्ठित विद्यालयों को परीक्षा केंद्रों की सूची से जहां बाहर रखा गया है, वहीं एक ही प्रबंधन में संचालित होने वाले दो विद्यालयों में एक दूसरे का सेंटर भेज कर परीक्षा की शुचिता को भी तार-तार करने की जुगत की गई है। इस मनमानी कार्य से विभाग की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है।
एक तरफ नकल विहीन परीक्षा को लेकर प्रदेश सरकार तरह-तरह इंतजामों से परीक्षा केंद्रों की निगरानी करने की बात कर रही है तो दूसरी तरफ शिक्षा विभाग के अधिकारी उसकी मंशा को तार-तार करने पर उतारू हैं। बोर्ड परीक्षा 2018 के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नकल विहीन परीक्षा कराने हेतु परीक्षा केंद्र के लिए जिन विद्यालयों का चयन किया गया, उसमें नकल माफियाओं की सांठ-गांठ उजागर हो रही है। विभाग ने तहसील मुख्यालय से लेकर क्षेत्र में स्थापित कई ऐसे प्रतिष्ठित विद्यालयों को परीक्षा केंद्र न बनाकर बीते सत्र की परीक्षा के दौरान संवेदनशील व अति संवेदनशील घोषित हुए परीक्षा केंद्रों को इस बार फिर केंद्र बना दिया है। परीक्षा केंद्र के निर्धारण में इसका भी ध्यान नहीं रखा गया कि एक ही प्रबंधक के यदि दो विद्यालय हैं तो उनका सेंटर एक दूसरे विद्यालय में न जाए। कहीं-कहीं तो एक दूसरे का अदला बदली कर भी परीक्षा केंद्र बना दिया गया।
केंद्र निर्धारण के खिलाफ अभाविप ने खोला मोर्चा
इटवा, सिद्धार्थनगर : यूपी बोर्ड परीक्षा में केंद्र निर्धारण के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी मोर्चा खोल दिया है। सोमवार शाम कस्बा स्थित प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना केंद्र पर नगर अध्यक्ष दीपनारायन ¨सह की अध्यक्षता में तहसील इकाई की बैठक में डीआईओएस द्वारा मानक के विपरीत केंद्र निर्धारण की आलोचना की गई। तहसील संयोजक शिवानंद पाण्डेय ने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में पक्षपात किया किया है। तमाम योग्य विद्यालयों को दरकिनार कर उन विद्यालयों को केन्द्र बना दिया गया है, जहां संसाधनों का घोर अभाव है। किसी भी दशा में इसको बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। संगठन जिलाधिकारी के समक्ष इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाएगा। फिर भी कार्रवाई नहीं हुई तो शिक्षामंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। दीपिका शाह, शिवकुमार पाण्डेय, शुभम चौधरी, अमरनाथ सोनी, अंकित त्रिपाठी, दुर्गेश कसौधन, मंगल प्रकाश, ओमकार सोनी, नूर मोहम्मद, सुनील कुमार, रुचि अग्रहरि, पूजा मोदनवाल, सुबाष आदि मौजूद रहे।