VACANCY, EXAMINETION : 68500 सहायक अध्यापकों की लिखित परीक्षा भी परीक्षा नियामक को देने की तैयारी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन न होने से परीक्षा संस्था बदलेगी
इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी को सौंपने की तैयारी है। इसके पहले यह परीक्षा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को देने पर चर्चा शुरू हुई थी, लेकिन चयन बोर्ड का गठन न होना इसमें बाधा बन रहा है। ऐसे में परीक्षा नियामक को ही भर्ती की दूसरी परीक्षा का जिम्मा मिलने के आसार बढ़ गए हैं। सूत्रों के अनुसार शासन भी इसी दिशा में मंथन कर रहा है। शीर्ष कोर्ट बीते 25 जुलाई को प्राथमिक स्कूलों में तैनात एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन रद कर चुका है। कोर्ट ने इन शिक्षामित्रों को दो बार में टीईटी उत्तीर्ण करने व दो शिक्षक भर्तियों में प्रतिभाग करने का मौका दिया है। इसके लिए प्रदेश सरकार को कार्य अनुभव के आधार पर वेटेज अंक देने को भी कहा गया है। शासन ने कोर्ट के आदेश के बाद पहली टीईटी बीते 15 अक्टूबर को करा दी है और उसका रिजल्ट इसी माह घोषित होना है। शासन शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराने का एलान पहले ही कर चुका है। इसी के साथ ही शिक्षक भर्ती के लिए सिलेबस भी घोषित किया जा चुका है और दिसंबर के अंत तक परीक्षा होनी है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के सुझावों पर बेसिक शिक्षा परिषद ने भले ही सिलेबस जारी कर दिया है, लेकिन लिखित परीक्षा नहीं कराएगा। इसके लिए पहले माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र को यह परीक्षा सौंपने पर विचार हुआ, लेकिन इसमें चयन बोर्ड गठित न होना सबसे बड़ी बाधा है। ‘दैनिक जागरण’ ने इस बात को प्रमुखता से उठाया था। हालांकि पिछले दिनों चयन बोर्ड के पुनर्गठन के लिए विज्ञापन जारी हो गया है और 16 नवंबर तक अध्यक्ष व सदस्य पद के लिए आवेदन मांगे गए हैं, लेकिन शिक्षक भर्ती की परीक्षा नया बोर्ड तेज करा पाएगा इस पर संशय है। यही नहीं अधीनस्थ आयोग का गठन प्रक्रिया शुरू होने के महीनों बाद भी नहीं हो पाया है। ऐसे में शासन दूसरी परीक्षा संस्थाओं पर विचार कर रहा है इसमें परीक्षा नियामक प्राधिकारी सबसे ऊपर है। पिछले माह टीईटी सफलतापूर्वक हो चुकी है ऐसे में दूसरी शिक्षक भर्ती की परीक्षा भी उसे सौंपी जा सकती है।
🔴 परिषदीय स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की लिखित परीक्षा का मामला
🔵 माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन न होने से परीक्षा संस्था बदलेगी