नई दिल्ली : खराब स्कूली शिक्षा के लिए सिर्फ शिक्षक जवाबदेह नहीं, यूनेस्को की रिपोर्ट के बाद स्कूली शिक्षा के सुधार में जुटे मानव संसाधन विकास मंत्रालय
नई दिल्ली : स्कूली शिक्षा की खराब गुणवत्ता को लेकर अब तक एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराने वाली एजेंसियों को यूनेस्को की शिक्षा में सुधार को लेकर जारी रिपोर्ट ने आईना दिखाया है। इसमें कहा गया है कि स्कूली शिक्षा की खराब गुणवत्ता के लिए अकेले शिक्षक या कोई एक पहलू जवाबदेह नहीं है। सरकार, स्कूल, अभिभावक और समाज भी उतना ही जवाबदेह है। यूनेस्को की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब भारत में स्कूली शिक्षा में सुधार को लेकर बड़े स्तर पर तेजी से काम चल रहा है। माना जा रहा है कि इससे संबंधित एजेंसियों को इस दिशा में सोचने में मदद मिलेगी।
यूनेस्को की वर्ष 2017-18 को लेकर जारी न्यू ग्लोबल एजुकेशन मानीटरिंग रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षा की खराब गुणवत्ता के लिए सिर्फ शिक्षकों को जवाबदेह ठहराना गलत है। यह इसलिए भी क्योंकि स्कूलों की गुणवत्ता को लेकर कई ऐसे पहलू है, जिसमें शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में शिक्षकों की जवाबदेही का आकलन छात्रों के परीक्षा परिणामों के आधार पर किया जाता है, जो कि गलत है। छात्र कई बार पढ़ाई में मन ही नहीं लगाते हैं। ऐसे में इसके लिए शिक्षकों को जवाबदेह बताना ठीक नहीं है। रिपोर्ट में भारत सहित दुनिया के करीब एक सौ देशों में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने को लेकर उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा भी की गई है। दुनिया के करीब 2.64 करोड़ बच्चों को शिक्षा नसीब नहीं है। फिलहाल यूनेस्को ने भारत सहित दुनिया के सभी देशों से ऐसे बच्चों को शिक्षित करने में मदद करने को कहा है। यूनेस्को ने भारत सहित दुनिया के उन देशों की तारीफ की है, जहां शिक्षा को अधिकार का दर्जा दिया गया है। रिपोर्ट में कहा है कि इससे वे देश शिक्षित होने से वंचित बच्चों को भी मुख्यधारा से जोड़ सकेंगे। सूत्रों की मानें तो यूनेस्को की रिपोर्ट के बाद स्कूली शिक्षा के सुधार में जुटे मानव संसाधन विकास मंत्रालय अब इन सारे पहलुओं को अपनी योजनाओं में शामिल कर सकेगा।