इलाहाबाद : आजीवन डिबार कालेज भी बना परीक्षा केंद्र, बड़ी चूक आई सामने
यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल के सारे रिकॉर्ड तोड़कर आजीवन डिबार हुआ कालेज भी इस बार परीक्षा केंद्रों की सूची में शामिल है। इतना ही नहीं, डिबार हो चुके चार अन्य कालेज भी परीक्षा केंद्र बन गए हैं। ताज्जुब यह है कि इन कालेजों की कंप्यूटर साफ्टवेयर में सूचना दर्ज करते समय जिला विद्यालय निरीक्षक और बोर्ड प्रशासन ने अनदेखी की। इसीलिए यह बड़ी चूक सामने आई है। शासन ने भी जिला विद्यालय निरीक्षकों को सिर्फ हिदायत देकर छोड़ दिया है, किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के लिए इस बार कंप्यूटर के जरिये केंद्रों का निर्धारण हुआ है। इसमें कानपुर के दो ऐसे कालेजों को केंद्र बनाया गया, जिन पर पिछले वर्ष की परीक्षा में नकल कराने पर शिक्षक पर एफआइआर दर्ज हुई व दूसरे कालेज ने बड़ी संख्या में फर्जी छात्र-छात्रओं के प्रवेश पत्र तैयार करके परीक्षा में बैठाया था। 1इसी तर्ज पर इलाहाबाद में भी गड़बड़ी सामने आई है यहां का जगपत सिंह सिंगरौरा इंटर कालेज धूमनगंज परीक्षा केंद्र बना है, यह कालेज सामूहिक नकल कराने के आरोप में आजीवन डिबार सूची में दर्ज है। ऐसे ही गोपीनाथ इंटर कालेज धरावल मेजा, बलरामपुर इंटर कालेज बरेठी, चंद्रशेखर इंटर कालेज प्रतापपुर को भी काली सूची में डाला गया था लेकिन, यह कालेज केंद्र बनने में सफल रहे हैं। इलाहाबाद के ही सरयू प्रसाद इंटर कालेज आनापुर में पिछले वर्ष की परीक्षा में एफआइआर तक दर्ज हुई, लेकिन बाद भी कालेज पर अफसरों ने मेहरबानी की है। 1बोर्ड सूत्रों की मानें तो अन्य जिलों में भी इस तरह के मामले अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। इन गड़बड़ियों से साफ हो गया है कि जिला विद्यालय निरीक्षकों ने साफ्टवेयर में अंक दर्ज करने व केंद्र बनाने में सत्यापन के नाम पर सिर्फ खानापूरी की है। 1‘दैनिक जागरण’ ने पिछले दिनों एक के बाद एक प्रकरण प्रमुखता से उजागर किए तो शासन हरकत में आया जरूर लेकिन, जिला विद्यालय निरीक्षकों को अंतिम सूची तक गड़बड़ियां दुरुस्त करने की हिदायत देकर छोड़ दिया। यही नहीं, बोर्ड ने यह गड़बड़ी भी नहीं पकड़ी। अब ‘दागी’ कालेजों की जगह अच्छी साख वाले कालेजों को परीक्षा केंद्रों की सूची में शामिल करने की तैयारी चल रही है।