लखनऊ : यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र के निर्धारण पर अधिकारियों ने दी खुद को क्लीन चिट
लखनऊ : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्रों के निर्धारण में गड़बड़ियों के आरोपों में घिरे शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों के समक्ष खुद को क्लीन चिट दे दी है।
उन्होंने पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन कर पूरी प्रक्रिया को सामने रखा और बताया कि मेरिट के आधार पर ही केंद्र बनाए गए हैं। इस साल पिछली बार की तुलना में लगभग एक चौथाई केंद्र कम बनाए गए हैं। केंद्र निर्धारण के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप करने वाली कंपनी ने यह तर्क रखकर अपना बचाव किया कि शिक्षा विभाग से जो भी आंकड़े मिले, उन्हीं के आधार पर केंद्रों का निर्धारण किया। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा मनमाने ढंग से केंद्रों के निर्धारण पर सवाल उठे हैं और आरोप लगाया गया है कि चहेतों के विद्यालयों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों की अनदेखी की गई। प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल ने इसे गंभीरता से लेते हुए एनेक्सी में बैठक बुलाई थी। इसमें नई दिल्ली की पर्ल एसोसिएट्स कंप्यूटर फर्म के प्रबंध निदेशक रविंद्रजीत सिंह व कंप्यूटर प्रोग्रामर समेत शासन के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि केंद्र बनाने के लिए आवश्यक जानकारियां माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट से ली गई हैं। विद्यालयों के मध्य की दूरी को जियो पैरामीटर और गूगल एप की सहायता से भी ज्ञात किया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षकों ने भी इस दूरी को सत्यापित किया है। इसके आधार पर ही राजकीय विद्यालयों, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों और वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्र बनाया गया। 25896 विद्यालयों में सिर्फ 8057 विद्यालय ही केंद्र बनाए गए हैं जबकि पिछले साल यह संख्या 11414 थी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षकों ने आपत्तियां मांगी हैं। इन्हें जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष रखा जाएगा। बैठक में विशेष सचिव नितीश कुमार, आदर्श सिंह संध्या तिवारी, माध्यमिक शिक्षा परिषद के अपर सचिव शिवलाल शामिल रहे।