BASIC SHIKSHA, SCHOOL, MOBILE : सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक बनाएंगे मोबाइल ऐप, हम अपने ही संसाधनों में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए तकनीक का सहारा ले रहे
राज्य मुख्यालय शिखा श्रीवास्तव, लखनऊ । कहने को वह शिक्षक हैं.. पढ़ाते हैं लेकिन अब वो पढ़ाएंगे तो है ही..साथ ही अपने हुनर से विभाग की मदद भी करेंगे। ये ऐसे शिक्षक हैं जो बीटेक की डिग्री लेने के बाद शिक्षक बने हैं। ऐसे ही लगभग दो दर्जन शिक्षकों की टीम अब स्कूलों का पठन-पाठन बेहतर बनाने के लिए मोबाइल ऐप बनाएगी। ऐसे कई मोबाइल ऐप की जरूरत सरकारी स्कूलों के लिए बहुत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। लेकिन बजट की कमी के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा था। लिहाजा विभाग ने अपने ही संसाधनों में इसे करने की ठानी है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी)ने ऐसे शिक्षकों को चुन कर एक टीम बनाई है जो बीटेक या एमसीए करने के बाद बीटीसी या बीएड कर सरकारी स्कूलों में शिक्षक बने हैं। अब ये शिक्षक विभाग की मदद के लिए ऐप बनाएंगे। इन शिक्षकों को बंगलुरू से आए विशेषज्ञ ट्रेनिंग दे रहे हैं। ये पूरा प्रशिक्षण 90 घण्टे का है जिसमें से 30 घण्टे का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। एससीईआरटी शिक्षकों की मांग के मुताबिक ऐप तैयार करेगी। इसके लिए भी तैयारी की जा रही है ताकि शिक्षक इस अभियान से जुड़ सके। इस तरह के बनेंगे ऐप: शिक्षकों की मांग के मुताबिक ये टीम ऐप बनाएगी। शुरुआत में ऐसे ऐप बनाने की योजना है जिससे स्कूल को चलाने में मदद मिले। एक ऐसा ऐप हो जहां से शिक्षक पढ़ाने के लिए मैटीरियल ले सके। ऐसा ऐप हो जहां शिक्षकों की समस्याओं को एक मंच मिले। वहीं मिड डे मील को और बेहतर ढंग से करने के लिए, स्कूल कैलेण्डर को नियमित करने के लिए, स्कूलों की गतिविधियों को एक जगह दिखाने के लिए ऐप बनाए जाएंगे।
हम अपने ही संसाधनों में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए तकनीक का सहारा ले रहे हैं। इस टीम में आधा दर्जन शिक्षकों ने पाठ्यपुस्तकों की ई बुक बनाने में भी हमारी मदद की थी। अभियान सफल रहा तो इस टीम से और शिक्षकों को जोड़ा जाएगा।
-सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह, निदेशक बेसिक शिक्षा विभाग व एससीईआरटी