लखनऊ : फर्जी प्रमाणपत्रों पर बीएड करने वाले को एसआईटी ने लखनऊ से दबोचा, आगरा विश्वविद्यालय में बीएड के लिए बनाया था फर्जी प्रमाणपत्र
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) ने शुक्रवार को मैनपुरी के संजीव कुमार को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। उसने फर्रूखाबाद के सुखेन्द्र सिंह के नाम से फर्जी शैक्षिक, जाति व निवास प्रमाणपत्र बनवाकर अध्यापक की नौकरी हासिल कर ली थी।
डॉ. भीमराव अंबेडकरनगर विश्वविद्यालय आगरा की सत्र 2005 की बीएड परीक्षा के संबंध में दायर याचिका पर दिए गए हाईकोर्ट के आदेश से एसआईटी तीन मई 2014 से मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद थाना एसआईटी पर बीएड परीक्षा में हुई अनिमियतता, जाली मार्कशीट बनाने तथा जालसाजी व हेराफेरी करने के आरोप में धारा 420, 409, 464, 467, 468, 471, 204, 201, 120 बी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
विवेचना में पाया गया कि आगरा विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2005 की मार्कशीट में 3517 फर्जी छात्रों को शामिल कर लिया गया, जो किसी भी महाविद्यालय के छात्र नहीं रहे हैं। इसके अलावा 1053 छात्रों को फर्जी अंक देकर ‘टेम्पर्ड मार्कशीट जारी की गई। इस तरह कुल 4570 छात्रों को फर्जी मार्कशीट जारी की गई। एसआईटी ने इन सभी 4570 फर्जी छात्रों की सूची आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरविन्द कुमार दीक्षित को भेजी गई है, जिसमें इन छात्रों की डिग्री निरस्त किए जाने का अनुरोध किया गया है। यह सूची निदेशक माध्यमिक शिक्षा को भी भेजी गई है, जिससे फर्जी मार्कशीट के अधार पर अध्यापक के पद पर चयनित होने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
विवेचना के दौरान एसआईटी ने कई अभ्यर्थियों और दलालों के अलावा आगरा विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को जेल भेजा गया। इसी बीच डायट मैनपुरी में रवीश यादव व डायट फर्रूखाबाद में सुखेन्द्र सिंह द्वारा अध्यापक पद पर चयन के लिए आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट लगाए जाने का मामला सामने आया। एसआईटी ने रवीश यादव को आगरा से गिरफ्तार कर लिया था। मैनपुरी के दन्नाहार थाना क्षेत्र के संजीव कुमार ने फर्रूखाबाद के सुखेन्द्र सिंह के नाम से सभी फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर अध्यापक पद पर चयन करा लिया था। एसआईटी ने शुक्रवार को संजीव कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया।