उत्तराखण्ड : डीएलएड ब्रिज कोर्स से शिक्षकों की वरिष्ठता पर नहीं पड़ेगा कोई असर, बल्कि होगा फायदा
देहरादून: डीएलएड ब्रिज कोर्स से शिक्षकों की वरिष्ठता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि उन्हें इसका फायदा ही मिलेगा। भविष्य में उनके टीईटी करने की बाध्यता नहीं रहेगी।
13 हजार 175 शिक्षकों ने विभाग की ओर से समय-समय पर निर्गत दिशा-निर्देश के अनुसार जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त किया। अब राष्ट्रीय अध्यापक परिषद द्वारा राज्य के जिला शिक्षा प्रशिक्षण को मान्यता न देने के कारण विशिष्ट बीटीसी को अनर्ह घोषित कर दिया गया है। जिससे शिक्षक अप्रशिक्षित की श्रेणी में आ गए हैं।
केंद्र सरकार ने इन्हें डीएलएड-ब्रिज कोर्स का विकल्प दिया है, लेकिन मान्यता को लेकर खींचतान के बीच उन्होंने आवेदन करने से इन्कार कर दिया है। उन्हें भय है कि ब्रिज कोर्स से वर्ष 2001 से 2017 के बीच भर्ती सभी शिक्षकों की वरिष्ठता खत्म हो जाएगी। ब्रिज कोर्स के बाद उन्हें टीईटी भी पास करने को कहा जाएगा। जिस पर अपर निदेशक बेसिक वीएस रावत का कहना है कि वरिष्ठता पूर्ववत ही रहेगी। आरटीई एक्ट वर्ष 2010 में लागू हुआ था, इसलिए इस अवधि से पहले नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी की बाध्यता नहीं रहेगी। वर्ष 2010 के बाद सभी शिक्षक टीईटी पास करने पर ही रखे गए हैं, इसलिए उन्हें कोई समस्या नहीं होगी।’