महराजगंज : जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे जान हथेली पर लेकर स्कूल जाने को मजबूर
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महराजगंज : जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे जान हथेली पर लेकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। उन्हें हर रोज दो बार यह जोखिम लेनी पड़ती है। अभिभावकों की लापरवाही और प्रशासन की खामोशी बच्चों की जिन्दगी खतरे में डाल रही है। परतावल समेत ग्रामीण क्षेत्रों में नये-नये स्कूल इंग्लिश मीडियम के नाम से खोले जा रहे हैं। लुभावने प्रचार में अभिभावक अपने बच्चों की जिन्दगी संवारने के लिए उन स्कूलों में उनका दाखिला करा देते हैं। इसमें अधिकांश स्कूल ऐसे हैं जिनके पास समुचित वाहन उपलब्ध नहीं हैं । जिससे वे अपने बच्चों को वाहनों से विद्यालय ले आ-जा सके। अभिभावक या तो पैसा बचाने की नीयत से या वाहन उपलब्ध न होने के कारण अपने बच्चों को रिक्शा से स्कूल भेजते हैं। रिक्शा चालक भी कम उस्ताद नहीं होते। वे रिक्शे पर लकड़ी के तीन टेबल खड़ा कर बच्चों को उसी में ठूंस देते हैं। कुछ बच्चे तो रिक्शे के पीछे भी झूल कर स्कूल आते जाते हैं। यहीं हाल टैम्पो चालकों का भी है। कभी कभार बच्चों से भरा रिक्शा कभी टैम्पो से टकराता है तो कभी बाइक से भिड़ जाता है जिससे बच्चे घायल हो जाते हैं। पुलिस प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं देता। कुछ स्कूलों के पास निजी वाहन भी है तो उसमे अधिकांश खटारा हो गई है। उनमें बैठते समय बच्चों को परेशानी होती है। चौक स्थित एक विद्यालय प्राइवेट वाहनों से बच्चों को ढो रहे हैं। बावजूद इसके विभाग अंजान बना हुआ है।
इस बावत पूछे जाने पर एआरटीओ एसपी श्रीवास्तव ने कहा कि पूरे जिले में अभियान चलाकर चे¨कग किया जा रहा है अगर स्कूली वाहन बिना परमिट व फिटनेस के मिलेंगे तो वाहन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।