कानपुर देहात : जिले के पांच अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में नियम विरुद्ध हुई प्रधानाचार्यों की नियुक्ति के मामले को शासन ने गंभीर लापरवाही मानते हुए बीएसए से स्पष्टीकरण तलब किया
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जिले के पांच अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में नियम विरुद्ध हुई प्रधानाचार्यों की नियुक्ति के मामले को शासन ने गंभीर लापरवाही मानते हुए बीएसए से स्पष्टीकरण तलब किया है।
शासन द्वारा प्रतिबंधित होने के बावजूद जिले के पांच अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जुलाई 2015 में नियुक्तियां कर वेतन भुगतान कर दिया गया। प्रकरण की शिकायत आइजीआरएस में की गई थी। मामले में जांच के लिए बीएसए को पत्र भेजकर पत्रावलियां उपलब्ध कराए जाने के कई निर्देश दिए गए, इसके बावजूद पत्रावलियां उपलब्ध नहीं कराई गई। इस पर मंडलीय शिक्षा निदेशक कानपुर मंडल ने सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय इलाहाबाद से पांचों विद्यालयों की मान्यता की स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया। क्षेत्रीय कार्यालय ने पांचों विद्यालयों को जूनियर हाईस्कूल से हाईस्कूल/इंटरमीडिएट उच्चीकृत करते हुए वित्तविहीन की मान्यता प्रदान करने की जानकारी दी। जांच के दौरान पांचों विद्यालयों को नियम विरुद्ध मान्यता प्रदान करने तथा प्रतिबंधित विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की नियुक्ति कर वेतन भुगतान करने की बात सामने आई है, जो कि वर्ततान में भी जारी है। शासन ने बीएसए को लापरवाही, अनियमतिता व सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करना मानते हुए 15 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। बीएसए पवन तिवारी ने बताया कि पांचों विद्यालयों को अभिलेख उपलब्ध करने के लिए अंतिम नोटिस जारी की जा रही है।