बुलन्दशहर : डीएम व बीएसए के आदेश हुए बेमानी, आदेश के बाद भी नहीं छोड़ रहे पद का मोह, चार साल से दो शिक्षक एबीआरसी के पद डटे, संज्ञान में आने के बाद भी विभाग ने कर दिया नवीनीकरण
बुलंदशहर: बिना नियुक्ति के चार साल से दो शिक्षक एबीआरसी के पद डटे हुए हैं। हैरत की बात यह है कि मामला संज्ञान में आने के बाद भी विभाग ने उनका नवीनीकरण कर दिया। डीएम व बीएसए ने उन्हें मूल विद्यालय में जाने के आदेश भी दिए लेकिन वह पद का मोह नहीं छोड़ रहे हैं। 1खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर एबीआरसी (सह समन्वयक) तैनात रहते हैं। इनकी नियुक्ति स्कूलों में तैनात शिक्षकों में से ही तीन साल के लिए की जाती है। तीन साल बाद इनका नवीनीकरण किया जाता है। इस पद के लिए शिक्षकों को लिखित परीक्षा व साक्षात्कार की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। एबीआरसी ब्लाक क्षेत्र के स्कूलों में तैनात शिक्षकों की संबंधित विषय में आने वाली समस्याओं का निदान करते हैं।
जिले में साल 2014 में परीक्षा के माध्यम से एबीआरसी की नियुक्ति की गई थी। इस नियुक्ति सूची में मुकेश चंद व विजय प्रताप सिंह शिक्षकों के नाम शामिल नहीं थे। इसके बाद भी इन्हें एबीआरसी पद पर तैनात कर दिया गया।
सूत्रों की माने तो नियुक्ति के समय से ही विभाग के उच्चाधिकारियों को इस गड़बड़झाले की जानकारी थी, लेकिन इस ओर किसी ने पहल करने की जरूरत नहीं समझी। बीते सितंबर में दोनों का नवीनीकरण होना था। नवीनीकरण से पूर्व ही डीएम के संज्ञान में मामला आया तो उन्होंने दोनों को हटाकर उनके मूल स्कूल में तैनात करने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद भी नवीनीकरण कर दिया गया। मामले की फिर से शिकायत हुई तो बीएसए डॉ. अजीत सिंह ने डीएम के आदेश का हवाला देते हुए संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों को आदेश दिए कि वह दोनों शिक्षकों को रिलीव कर दें। अधिकारियों के आदेश मिलने के बाद भी न तो दोनों शिक्षक मूल स्कूल में जाने के मूड में हैं और न ही खंड शिक्षाधिकारी उनका मोह छोड़ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि खंड शिक्षाधिकारी नहीं चाहते कि उनके करीबी एबीआरसी ब्लाक से अन्य जगह भेजे जाएं।
दोनों शिक्षकों को मूल स्कूल में जाकर तैनाती लेने के आदेश दिए हैं। अगर एक सप्ताह में दोनों ने तैनाती नहीं ली तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा इस प्रकरण में जो भी कर्मचारी शामिल होंगे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. अजीत कुमार, बीएसए, बुलंदशहर