नई दिल्ली : केंद्र ने कुपोषित बच्चों के लिए विशेष डाइट की दी मंजूरी
नई दिल्ली, प्रेट्र: केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य चाहें तो कुपोषित बच्चों को थेराप्यूटिक (औषधि युक्त खाद्य पदार्थ) दे सकते हैं। हालांकि केंद्र ने यह भी कहा है कि नीति के तहत इसका इस्तेमाल स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि इसे लेकर बहुत से प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं कि यह खाद्य पदार्थ कुपोषित बच्चों के लिए एक बेहतरीन डाइट है।
हालांकि केंद्र के इस फैसले से महाराष्ट्र सरकार को फायदा मिलेगा, क्योंकि थेराप्यूटिक खाद्य पदार्थ की खरीद पर बांबे हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। चार नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि इसके प्रयोग का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ देना चाहिए। बैठक में नीति आयोग के कार्यकारी अधिकारी के साथ महिला व बाल विकास विभाग के सचिवों ने भी हिस्सा लिया था। इसमें फैसला लिया गया कि आइसीडीएस स्कीम के तहत बच्चों व गर्भवती महिलाओं को दिया जाने वाला खाना पहले की तरह से जारी रखा जाए। योजना के तहत छह माह से तीन साल के बच्चों व गर्भवती महिलाएं अपना खाना घर लेकर जा सकती हैं। पीएमओ का कहना है कि मंत्रलय चाहे तो खाना घर ले जाने की जगह पर नकद भुगतान योजना को कुछ जिलों में पायलट प्रोजेक्ट की तरह से शुरू कर सकता है।
फेमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि देश में 93 लाख से ज्यादा बच्चे अत्यधिक कुपोषण का शिकार हैं। इससे उनकी लंबाई व वजन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। थेराप्यूटिक खाद्य पदार्थ उनमें यह व्याधि दूर कर सकता है। महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी इसकी प्रबल समर्थक हैं। उनका कहना है कि पके हुए खाने की अपेक्षा यह ज्यादा कारगर है।