महराजगंज : प्राथमिक स्कूलों की दशा सुधारने के लिए शासन द्वारा किया गया प्रयास विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण परवान नहीं चढ़ पा रहा, विद्यालय में शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे बच्चे
जागरण संवाददाता, परसामलिक, महराजगंज: प्राथमिक स्कूलों की दशा सुधारने के लिए शासन द्वारा किया गया प्रयास विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण परवान नहीं चढ़ पा रहा है। यही कारण है क्षेत्र के तमाम स्कूलों में बच्चे आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरुम होकर शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं। नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम सभा शिवपुरी में स्थित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे बुनियादी सुविधाओं से महरुम हैं। यही कारण है कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं की उपस्थिति कक्षाओं में दिनों-दिन घटती जा रही है। विद्यालय की उपस्थिति पंजिका में यहां वैसे तो दिखावे के लिए 104 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं, लेकिन मौके पर उपस्थिति बहुत ही कम रहती है। विद्यालय में पेयजल के लिए स्थापित इंडिया मार्क हैंडपंप वर्षों से खराब पड़ा है। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक रमेश कुमार गुप्त ने खराब पड़े हैंडपंप के बावत ग्राम प्रधान सहित विभागीय अधिकारियों से भी कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक हैंडपंप की स्थिति जस की तस बनी हुई है। स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने वाले बच्चे अपनी प्यास बुझाने के लिए गांव में लगे छोटे हैंडपंपों का प्रदूषित पानी पीने को विवश हो रहे हैं।1गांवों से मिट रहा ताल पोखरियों का वजूद : एक तरफ सरकार आदर्श जलाशय योजना चलाकर भू-गर्भीय जल का स्तर ऊपर उठाने के प्रयास में जुटी हुई है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण सभ्यता व संस्कृति से जुड़े ताल पोखरियों के अस्तित्व धीरे-धीरे मिटते जा रहे हैं। जनसंख्या वृद्धि के साथ ही विस्तारवादी प्रवृति के लोगों द्वारा सार्वजनिक तालाबों को पाटकर अपनी निजी संपत्ति बनाने की होड़ प्राय: सभी गांवों में लगी हुई है।जागरण संवाददाता, परसामलिक, महराजगंज: प्राथमिक स्कूलों की दशा सुधारने के लिए शासन द्वारा किया गया प्रयास विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण परवान नहीं चढ़ पा रहा है। यही कारण है क्षेत्र के तमाम स्कूलों में बच्चे आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरुम होकर शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं। नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम सभा शिवपुरी में स्थित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे बुनियादी सुविधाओं से महरुम हैं। यही कारण है कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं की उपस्थिति कक्षाओं में दिनों-दिन घटती जा रही है। विद्यालय की उपस्थिति पंजिका में यहां वैसे तो दिखावे के लिए 104 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं, लेकिन मौके पर उपस्थिति बहुत ही कम रहती है। विद्यालय में पेयजल के लिए स्थापित इंडिया मार्क हैंडपंप वर्षों से खराब पड़ा है। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक रमेश कुमार गुप्त ने खराब पड़े हैंडपंप के बावत ग्राम प्रधान सहित विभागीय अधिकारियों से भी कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक हैंडपंप की स्थिति जस की तस बनी हुई है। स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने वाले बच्चे अपनी प्यास बुझाने के लिए गांव में लगे छोटे हैंडपंपों का प्रदूषित पानी पीने को विवश हो रहे हैं।1गांवों से मिट रहा ताल पोखरियों का वजूद : एक तरफ सरकार आदर्श जलाशय योजना चलाकर भू-गर्भीय जल का स्तर ऊपर उठाने के प्रयास में जुटी हुई है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण सभ्यता व संस्कृति से जुड़े ताल पोखरियों के अस्तित्व धीरे-धीरे मिटते जा रहे हैं। जनसंख्या वृद्धि के साथ ही विस्तारवादी प्रवृति के लोगों द्वारा सार्वजनिक तालाबों को पाटकर अपनी निजी संपत्ति बनाने की होड़ प्राय: सभी गांवों में लगी हुई है।खराब पड़ा हैंडपंप ’ जागरण