बदायूं : फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं पर कार्रवाई में बीईओ का अड़ंगा, बीएसए के निर्देश के बाद भी उपलब्ध नहीं कराया गया डाटा
जागरण संवाददाता, बदायूं : डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से वर्ष 2005 में बीएड करने वाले 88 फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सूची जारी करके खंड शिक्षा अधिकारियों को उनका डाटा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। जिसके लिए तीन दिनों का समय भी मिला, लेकिन बीइओ ने अड़ंगा अटका दिया। निर्धारित समय पर डाटा उपलब्ध नहीं कराया और जो उपलब्ध कराया गया, निर्देश के अनुसार वह पूरा नहीं है। सभी बीइओ से डाटा प्राप्त होने के बाद ही फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं पर कार्रवाई हो सकेगी और बाहर किया जाएगा और 11 नवंबर तक सूचना शासन को भेजी जाएगी। फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं को बाहर करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। सूची बनाने के बाद अन्य जिलों में स्थानांतरित हुए शिक्षक-शिक्षिकाओं का डाटा एकत्र किया जा रहा है तो खंड शिक्षा अधिकारियों को उनके विकास क्षेत्र में तैनात इन शिक्षकों का डाटा देने को निर्देशित किया गया। जिसके अनुसार सूची के शिक्षक-शिक्षिकाओं के डाटा के अलावा डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले अन्य सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं की जानकारी मांगी। म्याऊं, कादरचौक, इस्लामनगर विकास क्षेत्र की जानकारी तो निर्देशानुसार मिल गया, लेकिन विकास क्षेत्र दातागंज, आसफपुर, बिसौली के खंड शिक्षा अधिकारियों ने मात्र 88 फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं वाली सूची का ही डाटा दिया। वह भी विभाग की मेल पर। हार्डकॉपी किसी भी खंड शिक्षा अधिकारी ने मुहैया नहीं कराई है। गुरुवार तक विकास क्षेत्र उझानी, सालारपुर, उसावां के खंड शिक्षा अधिकारियों ने अभी तक कोई भी सूची उपलब्ध नहीं कराई है।बढ़ सकती है स्थानांतरित शिक्षकों की संख्या1एसआइटी की सूची के अनुसार फर्जी मिले 88 शिक्षक-शिक्षिकाओं में ज्यादातर अन्य जिलों में स्थानांतरित हो चुके हैं। पहले दो दिन पहले 30 शिक्षक-शिक्षिकाओं के स्थानांतरित की सूची बढ़ गई है। अब तकरीबन 43 शिक्षक-शिक्षिकाओं के स्थानांतरित होने की जानकारी मिल रही है। बताया जा रहा है कि जांच जारी है। जल्द ही कुछ और की जानकारी मिल सकती है। सभी शिक्षक भर्तियों की जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति सामने हो सकेगी।’>>तीन दिन का दिया गया था समय, फिर भी नहीं लिया संज्ञान1’>>उपलब्ध कराया गया डाटा अधूरा, नहीं बरती जा रही गंभीरता