फतेहपुर : परीक्षा केंद्र सूची से माफियाओं और नेताओं के स्कूलों का पत्ता साफ
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शासन द्वारा लागू की गई ऑनलाइन परीक्षा केंद्र बनाने की व्यवस्था ने शिक्षा माफियाओं को दरकिनार किया है तो दबाव में लेकर केंद्र बनाने वाले नेताओं के स्कूलों का पत्ता साफ कर दिया है। जिले में ऐसे 8 केंद्र हैं जिनको को माध्यमिक शिक्षा परिषद ने केंद्र न बनाकर परीक्षा की शुचिता के सख्त पहरे को बल दिया है। वहीं परीक्षा केंद्र सूची से नाम बाहर हो जाने और फाइनल सूची में नाम शामिल होने की अड़चनें देखकर परीक्षा की शुचिता भंग करने वालों के माथे पर ¨चता की लकीरें उभर आईं हैं। परीक्षा की दौरान लाखों के वारे न्यारे करने की मंशा धरी की धरी रह गई है।
बीते सालों में जिला चयन सूची से लेकर शासन तक दखल देकर येन केन प्रकारेण शिक्षा माफिया और राजनीतिक दलों के नेता अपने शिक्षण संस्थान को केंद्र बनवाने में सफल हो जाया करते थे। अपनी पकड़ और ताकत को दिखाते हुए परीक्षा शुरू होने से चंद दिनों पहले केंद्र बनवाकर दबदबा दिखाते रहे हैं। इस दफा शासन की नई व्यवस्था के चक्रव्यूह में सब कुछ धराशाई हो गया है। शिक्षण संस्थान की आन लाइन सूचना और फिर भेजी गई सूचना का डीआईओएस द्वारा सत्यापन किया जाना परेशानी का सबब बनकर उभरा है। मानकों में खरा न उतरने वाले शिक्षण संस्थानों के केंद्र बनाने में फंसती नौकरी देखकर जिम्मेदारों ने कोई भी जोखिम लेने से हाथ खड़ कर दिए हैं। बीते सालों में जिस दल की सत्ता रहती थी उस राजनैतिक दल से से¨टग गे¨टग करके संस्थान को केंद्र बनवाया जाता रहा है। इसबार 8 शिक्षण संस्थान ऐसे रहे हैं जिन्हें केंद्र नहीं बनाया गया है। यह केंद्र शिक्षा माफियाओं और राजनीतिक दलों से वास्ता रखने वाले नेताओं के हैं। डीआइओएस महेंद्र प्रताप ¨सह ने कहाकि परीक्षा की शुचिता के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएंगे। केंद्र बनने में कौन शामिल हुआ और कौन शामिल नहीं हो पाया इससे कोई वास्ता नहीं है। आन लाइन सूची जारी होने में जिले का कोई योगदान नहीं रखा गया है। जिले में नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी जाएगी। पारदर्शिता एवं शुचिता में खरा उतरा जाएगा।