इलाहाबाद : अल्पसंख्यक संस्था में भी नियुक्ति पा सकते हैं मृतक आश्रित
अमर उजाला, इलाहाबाद । हाईकोर्ट ने कहा कि अल्पसंख्यक संस्थाओं में मृतक आश्रित नियुक्ति पाने के हकदार हैं। अध्यापकों के कल्याण हेतु बने नियम अल्पसंख्यक संस्थाओं के मौलिक अधिकार के विपरीत नहीं हैं। अल्पसंख्यक संस्थाओं को अनुच्छेद 30(1) के तहत मिले अधिकार पूर्ण अधिकार नहीं हैं। इन पर प्रोन्नति आदि विषय पर रेगुलेशन लागू किया जा सकता है।
किसी अल्पसंख्यक संस्था को मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति देने का आदेश उसके मूल अधिकार में हस्तक्षेप नहीं माना जा सकता है। दिगंबर जैन इंटर कालेज बरौत बागपत की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने दिया। कोर्ट ने मृतक आश्रित प्रतीक जैन की याचिका स्वीकार कर ली तथा कालेज की याचिका खारिज दी है। जिला विद्यालय निरीक्षक ने जैन कालेज को प्रतीक जैन को मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति देने का आदेश दिया था। कालेज ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
कालेज प्रबंध समिति का कहना था कि वह एक अल्पसंख्यक संस्था है और संविधान के अनुच्छेद 289 और 30(1) के तहत उनको विशेषाधिकार प्राप्त हैं। डीआईओएस का आदेश अल्पसंख्यक संस्था के प्रबंधकीय अधिकार में हस्तक्षेप है। कोर्ट ने कहा कि भले ही अल्पसंख्यक संस्थाओं को विशेषाधिकार है, मगर सरकारी ग्रांट ले रहे अल्पसंख्यक कालेज पर रेगुलेशन के कुछ उपबंध लागू होंगे इसमें मृतक आश्रितों को नियुक्ति देना भी शामिल है। इसलिए ऐसे आदेश को प्रबंधन के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं माना जा सकता है। प्रतीक जैन मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग की थी। जिला चयन कमेटी ने उसकी अर्हता को देखते हुए नियुक्ति देने की संस्तुति की थी।