इलाहाबाद : शिक्षामित्रों के मानदेय भुगतान का मांगा ब्योरा, नौ नवंबर को सर्व शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी बीएसए को पत्र जारी कर तीन दिन में मांगी थी भुगतान की सूचना
🔴 नौ नवंबर को सर्व शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी बीएसए को पत्र जारी कर तीन दिन में मांगी थी भुगतान की सूचना
🔵 तय समय पर सूचना न उपलब्ध कराने पर दो दिन पहले फिर जारी किया गया पत्र, कई बीएसए ने अब भी नहीं उपलब्ध कराया
ब्यूरो/अमर उजाला, इलाहाबाद । शिक्षामित्रों को मानदेय का शत-प्रतिशत भुगतान हो गया या नहीं, इसकी फिलहाल सर्व शिक्षा अभियान परियोजना परिषद के पास कोई सूचना नहीं है, क्योंकि अक्तूबर में बढ़े मानदेय का आदेश जारी होने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने भुगतान के संबंध में परियोजना परिषद सूचना अब तक उपलब्ध ही नहीं कराई। अपर परियोजना निदेशक राजकुमार वर्मा ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी बीएसए को तत्काल मानदेय राशि के भुगतान की सूचना उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने साफ किया है कि शासकीय कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सर्वोच्च अदालत से जुलाई में समायोजन रद्द होने के बाद प्रदेश सरकार ने सितंबर में शिक्षामित्रों का मानदेय साढ़े तीन हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने का फैसला लिया। इसके बाद मानदेय के लिए अक्तूबर में रकम जारी की गई और सभी बीएसए को 25 अक्तूबर के पहले शिक्षामित्रों को इसके भुगतान का आदेश दिया गया। फिर परियोजना परिषद ने नौ नवंबर को पत्र जारी कर सभी बीएसए से मानदेय भुगतान की सूचना तीन दिन में उपलब्ध कराने का फरमान जारी किया लेकिन ज्यादातर बीएसए ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
ऐसे में अपर परियोजना निदेशक ने दो दिन पहले फिर सभी बीएसए को पत्र जारी कर मानदेय भुगतान की सूचना तत्काल ई-मेल पर भेजने का निर्देश दिया लेकिन कुछ बीएसए ने इस आदेश के बावजूद सूचना नहीं भेजी। अपर निदेशक ने शासकीय कार्य में उदासीनता बरतने का मामला मानते हुए सूचना न उपलब्ध कराने वाले बीएसए के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।