गोण्डा : बालिकाएं बनेंगी सबला, शिक्षा से विकसित होगी पंचायत
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संसू, गोंडा : बालिकाओं व महिलाओं के खिलाफ होने वाले भेदभाव समाप्त करने के साथ ही उन्हें सशक्त बनाने के लिए शत प्रतिशत शिक्षा से आच्छादित पंचायत विकासित की जाएगी। सस्टेनेबेल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) के तहत कानून के साथ ही अन्य जानकारियां दी जाएंगी। इसके लिए पहले चरण में सूबे की 75 पंचायतें चयनित की जाएंगी। यह कार्यक्रम पंचायतीराज व शिक्षा विभाग मिलकर चलाएगा।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत बालिकाओं की शिक्षा के सार्वभौमीकरण, समता एवं समानता के लिए प्रयास तो हो रहे हैं, लेकिन अभी भी बालिकाओं के नामांकन, ठहराव आदि में सुधार लाने के लिए शासन ने ठोस रणनीति बनाकर कार्य करने की आवश्यकता जताई है। एसडीजी में बालिकाओं व महिलाओं के विरुद्ध होने वाले भेदभाव को समाप्त करने, ¨लग समानता एवं बालिकाओं के सशक्तीकरण संबंधी कानूनों को अपनाने एवं मजबूत बनाने का फैसला किया गया है। पंचायतीराज विभाग के सहयोग से प्रत्येक जिले में एक न्याय पंचायत को बालिका शिक्षा की ²ष्टि से शत प्रतिशत शिक्षा से आच्छादित ग्राम पंचायत विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। इसके लिए 58 जिलों के 70 सांसद आदर्श ग्राम के साथ ही 17 अन्य जिलों में डीएम द्वारा गोद ली गई पंचायतों को शामिल किया गया है। पंचायतीराज विभाग के निदेशक विजय किरन आनंद ने सभी जिलों के डीपीआरओ को सहयोग के लिए निर्देश जारी किए हैं।
इनसेट-ये विभाग भी करेंगे सहयोग- पुलिस, महिला एवं बाल विकास, आईसीडीएस, ग्राम्य विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, मदरसा बोर्ड, श्रम विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग आदि।
इनसेट
यहां की पंचायतें होंगी शामिल
- गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी, रायबरेली, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, हरदोई, बस्ती, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, देवरिया आदि।